* हरड़, सोंठ तथा अजवायन समभाग लेकर चूर्ण बनाएं और तक्र, गरम जल अथवा कांजी के साथ सेवन करें।
42.
भोजनांत लघु शंका जावे, मूत्र रोग सो मुक्ति पावे दो घंटे में तक्र जो पाय, अन्न पचे कब्जियत न आय।
43.
. अमृता प्रकांड चूर्ण + तक्र साथ पिने से अर्श मिटता हे अमृता पर्ण चूर्ण + तर्क साथ पिने से कमला मिटता हे
44.
मै राष्ट्र-प्रेम का तक्र तुम्हारे बीच बाँटने आया॥मै राष्ट्र-यज्य के लिए............................................५ आलोक राष्ट्र का पश्चिम की बदली में अटक गया है।
45.
चित्रक की जड़ के 2 ग्राम चूर्ण को तक्र (छाछ) के साथ सुबह-शाम भोजन से पहले पीने से बवासीर में लाभ होता है।
46.
२ १. तक्र (मट्ठा, छाछ) से बनी यवागू, घी अधिक खाने से हुए उपद्रव को शांत करती है.
47.
मै राष्ट्र-प्रेम का तक्र तुम्हारे बीच बाँटने आया॥ मै राष्ट्र-यज्य के लिए............................................५ आलोक राष्ट्र का पश्चिम की बदली में अटक गया है।
48.
* यकृत वृद्धि में तक्र (मट्ठे) के सेवन से बहुत लाभ होता है, लेकिन तक्र से घी की चिकनई निकाल लेनी चाहिए।
49.
* यकृत वृद्धि में तक्र (मट्ठे) के सेवन से बहुत लाभ होता है, लेकिन तक्र से घी की चिकनई निकाल लेनी चाहिए।
50.
तक्र खट्टा, कषैला, पाक तथा रस में मधुर, हल्का, गर्म, अग्नि प्रदीपक, मैथुन शक्तिवर्द्धक, तृप्तिदायक और वायुनाशक है।