हमारे शरीर में ईश्वर निराकार रूप है, आत्मा और मन तरंग रूप है, प्राण उर्जा रूप है, आक्सीजन अन्य गैस आदि वायु रूप हैं, रक्त रस जल आदि द्रव रूप हैं, मांस हड्डी आदि ठोस रूप हैं।
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गृह एवं उपगृहों पर द्रव्य पांच या कुछ गृहों पर ठोस को छोड़कर चार रूपों में पाया जाता है, सूर्य एवं तारों में द्रव्य उर्जा एवं तरंग रूप में पाया जाता है, एवं ब्लेकहोल में द्रव्य सिर्फ तरंग रूप में रहता है।
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गृह एवं उपगृहों पर द्रव्य पांच या कुछ गृहों पर ठोस को छोड़कर चार रूपों में पाया जाता है, सूर्य एवं तारों में द्रव्य उर्जा एवं तरंग रूप में पाया जाता है, एवं ब्लेकहोल में द्रव्य सिर्फ तरंग रूप में रहता है।
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मुख्यतः छः कणों को बोसॉनों की श्रेणी में रखा जाता है जिसमें फोटोन (प्रकाश का क्वांटा | प्रकाश की द्वैत प्रकृति होती है जिसमें वह तरंग रूप और कण रूप दोनों में से किसी भी एक में प्रेक्षित किया जा सकत है।
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प्रथम चार रूपों को ग्रहण करने के लिए हमारे शरीर में तीन ही अवयय होते हैं अर्थात मुंह, नाक एवं त्वचा परंतु तरंग रूप अर्थात ज्ञान को ग्रहण करने के लिए हमारे शरीर में पांच अवयय होते हैं जिन्हें हम ज्ञानेद्रियां कहते हैं।
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गृह एवं उपगृहों पर द्रव्य पांच या कुछ गृहों पर ठोस को छोड़कर चार रूपों में पाया जाता है, सूर्य एवं तारों में द्रव्य उर्जा एवं तरंग रूप में पाया जाता है, एवं ब्लेकहोल में द्रव्य सिर्फ तरंग रूप में रहता है।
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गृह एवं उपगृहों पर द्रव्य पांच या कुछ गृहों पर ठोस को छोड़कर चार रूपों में पाया जाता है, सूर्य एवं तारों में द्रव्य उर्जा एवं तरंग रूप में पाया जाता है, एवं ब्लेकहोल में द्रव्य सिर्फ तरंग रूप में रहता है।
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हम द्रव्य के ठोस द्रव एवं उर्जा रूप को देख सकते है (उर्जा रूप का भी एक भाग प्रकाश या अग्नि को ही देख पाते हैं) परंतु वायु एवं तरंग रूप को हम नहीं देख सकते इसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है।
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द्रव्य जितने सूक्ष्म रूप में बदलता जाता है उतना ही अधिक शक्तिशाली एवं क्रियाशील होता जाता है द्रव्य का तरंग रूप सबसे अधिक शक्तिशाली एवं क्रियाशील होता है होम्योपैथिक दवाएं इसी सिद्घांत पर काम करतीं है इनमें द्रव्य के तरंग रूप का प्रयोग किया जाता है।
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द्रव्य जितने सूक्ष्म रूप में बदलता जाता है उतना ही अधिक शक्तिशाली एवं क्रियाशील होता जाता है द्रव्य का तरंग रूप सबसे अधिक शक्तिशाली एवं क्रियाशील होता है होम्योपैथिक दवाएं इसी सिद्घांत पर काम करतीं है इनमें द्रव्य के तरंग रूप का प्रयोग किया जाता है।