किन्तु धुलाई करने पर केवल कुर्सी और फूल ही दिखे!!! यह सोच की रील ख़राब होगी उसने फिर नयी रील लगा खींची, किन्तु नतीज़ा वो ही निकला!!!... तब वो गुरु से पूछा कि उस का रहस्य क्या था??? गुरु ने कहा कि वो अपने गुरु अर्थात उसकी आत्मा की तस्वीर खींचना चाहता था, जिसके लिए उन्होंने उसे दो मौके दे दिए थे!!! किन्तु, चेले का उदास चेहरा देख उन्होंने कहा कि वो उनके शरीर की तस्वीर चाहता था, गुरु की नहीं!!! तीसरी बार चेला सफल हुवा उनके शरीर कि तस्वीर खींचने में, जो उस पुस्तक में भी प्रकाशित थी...