| 41. | मैं तां खड़ी सां बाबल जी दे बार,
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| 42. | सान्नू इन्नी साध तां पूरी कर लैंणे दे कि
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| 43. | ऐ सब तां मौका देखके करना ही पैंदा है।
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| 44. | सं विद्रूपां च तां देवी समरामः साप्रचोदयात्।।
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| 45. | तां उम्र काबिज रहेंगी इस सफर की स्मतियां.
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| 46. | जहाँ प्रेम तां नैम नहीं, तां नहीं बुद्धि विचार।
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| 47. | जहाँ प्रेम तां नैम नहीं, तां नहीं बुद्धि विचार।
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| 48. | पैले तां तैनूं बोत पुछदी सी..
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| 49. | जे कोई भुल होवे तां बक्श देवीं
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| 50. | लख लख धनवाद, मीहं दा मुहूर्त तां कड्या सिरसा।
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