जिस जनता को भाजपा तिरंगे की ताकत दिखाना चाहती है, वह उससे पूछ सकती है कि अगर लाल चौक पर तिरंगा पफहराने से अलगाववाद पर राष्ट्रीय एकता की जीत हो जाती है तो वह ‘ जादू ' पहले की यात्रा से क्यों नहीं हो गया? शासक वर्ग का सम्मिलित चरित्र लोहिया ने भारत के शासक वर्ग के बारे में बताया है कि वह शुरू से कायर और जी-हुजूरिया रहा है।