ट्रेन टू पाकिस्तान ठाले बैठे डायबिटीज-फोरम डॉ. चंद्रकांत कहिन डॉ.मीनाक्षी स्वामी ढिबरी तथागत तन्हाई के तहख़ाने से तस्बीरी ताखा ताऊ डाट इन ताऊजी डॉट कॉम ताना-बाना ताज़ा हवा तितली (बच्चों के लिए ब्लॉग) तिमिर-रश्मि तिरे वादे पे जिए.............. तीर नजर तेताला तोसे लागे नैना द ग्रिस्ट मिल-आटा चक्की दख़ल की दुनिया दफ़ा-512 दास्ताँने-दिल (ये दुनिया है दिलवालों की) दिनेश दधीचि-बर्फ़ के ख़िलाफ़ दिल की कलम से... दिल की बातें दिल से.....
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मैंने बिना एक पल गँवाए उस ताखा (आज विनीत ने एक पोस्ट लिखी जिसमें उसने तख्ता की जगह ताखा लिखी, मैं भी बचपन में उसे ताखा ही कहता था मगर फेसबुक पर सभी दोस्तों को समझ में आये इस विचार से तख्ता लिख गया) पर से सभी सामानों को हटाया, सिर्फ उसकी चाभी वहीं छोड़ दी, और उसकी तस्वीर लेकर फेसबुक पर साझा करते हुए शीर्षक लगाया “ मेरे घर में किताबों का एक तख्ता.. ”
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मैंने बिना एक पल गँवाए उस ताखा (आज विनीत ने एक पोस्ट लिखी जिसमें उसने तख्ता की जगह ताखा लिखी, मैं भी बचपन में उसे ताखा ही कहता था मगर फेसबुक पर सभी दोस्तों को समझ में आये इस विचार से तख्ता लिख गया) पर से सभी सामानों को हटाया, सिर्फ उसकी चाभी वहीं छोड़ दी, और उसकी तस्वीर लेकर फेसबुक पर साझा करते हुए शीर्षक लगाया “ मेरे घर में किताबों का एक तख्ता.. ”
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मैंने बिना एक पल गँवाए उस ताखा (आज विनीत ने एक पोस्ट लिखी जिसमें उसने तख्ता की जगह ताखा लिखी, मैं भी बचपन में उसे ताखा ही कहता था मगर फेसबुक पर सभी दोस्तों को समझ में आये इस विचार से तख्ता लिख गया) पर से सभी सामानों को हटाया, सिर्फ उसकी चाभी वहीं छोड़ दी, और उसकी तस्वीर लेकर फेसबुक पर साझा करते हुए शीर्षक लगाया “ मेरे घर में किताबों का एक तख्ता.. ”