| 41. | मारण का उपदेश नहीं है ताडन का उल्लेख है, और ताडन मारण-कूटन नहीं होता मेरे भाई. यहां ' काम ' का अमर्यादित आवेग नहीं है।
|
| 42. | २ ३. २ ० (पाद से ताडन पर मुचुकुन्द का उत्थित होकर कालयवन को देखना और कालयवन का भस्म होना), विष्णुधर्मोत्तर १.
|
| 43. | ४-ढोर, गंवार, शूद्र और नारी, ये सब ताडन के अधिकारी हैं, यानी नारी को ढोर की तरह मार सकते हैं....
|
| 44. | शूद्र और स्त्री को एक साँस में ढोल आदि के साथ रखने और ताडन का पात्र बताने वाली चौपाई की अनेक प्रकार से व्याख्याएं हो चुकी हैं।
|
| 45. | जिस प्रकार स् याही सोख स् याही के धब् बे को फैलने से रोकता है वैसे ही गोबर विध् युत ताडन को सोखने की क्षमता रखता है।
|
| 46. | शूद्र और स्त्री को एक साँस में ढोल आदि के साथ रखने और ताडन का पात्र बताने वाली चौपाई की अनेक प्रकार से व्याख्याएं हो चुकी हैं।
|
| 47. | यदि नारी केवल पांव की जूती होती, और तुलसी उसे केवल ताडन की पात्र मानते तो अपने प्रभु राम के मुखारबिंदु से ऐसे शब्द कदापि नही कहलाते।
|
| 48. | शूद्र और स्त्री को एक साँस में ढोल आदि के साथ रखने और ताडन का पात्र बताने वाली चौपाई की अनेक प्रकार से व्याख्याएं हो चुकी हैं। '
|
| 49. | जरा सोचें एक साहित्यकार ने लिख दिया “ ढोल गावर शुद्र पशु और नारी, सब ताडन के अधिकारी ” और दुनिया इस बात को सच मानने लगी.
|
| 50. | वैसे कुछ लोग कहत हैं के अवधी में \ ' \ ' ताडन \ ' \ ' का अर्थ देखना, नजर रखना, देख रेख करना होता है।
|