| 41. | भारत में प्राचीन काल में धनी लोगों के यहां ताम्बूल वाहिकाएं इस कला की विशेष मर्मज्ञ हुआ करती थी।
|
| 42. | श्राद्धकर्ता को ताम्बूल, तेल मालिश, उपवास, औषधि तथा परान्न भक्षण आदि से वर्जित किया गया है।
|
| 43. | कई वर्ष पहले गुजरात के राजकोट शहर में एक पान की दुकान का नाम “ भूत ताम्बूल ” था।
|
| 44. | एक घडी यानी 24 मिनट के बाद ताम्बूल (पान) तीन घन्टे के बाद पका हुआ अन्न ।
|
| 45. | विधिः-ताम्बूल को उक्त मन्त्र से अभिमन्त्रित कर साध्या को खिलाने से उसे खिलानेवाले के ऊपर मोह उत्पन्न होता है।
|
| 46. | गले की व्याधियां-मुलेहठी के चूर्ण को ताम्बूल (पान) के पत्ते में रखकर दांतों में दबाकर चूसते रहें।
|
| 47. | व्रत करने वालों को गंध, पुष्प, धूप दीप, ताम्बूल सहित विष्णु भगवान की षोड्षोपचार से पूजन करना चाहिए।
|
| 48. | पान को ताम्बूल भी कहा जाता है संस्कृत ग्रंथ अमरकोष के अनुसार ताम्बूलवल्ली, ताम्बूली और नागबेलि पान के नाम हैं।
|
| 49. | गणपति का शरीर और कलश एकाकार हैं और ताम्बूल, आम्रपल्लव, बाँस की टहनी, पत्तियों सहित भी दिख रहे हैं।
|
| 50. | तब साईं बाबा की भुजाओं पर घिसे हुये चन्दन का लेप करते थे और बाबा को पान (ताम्बूल) देते थे।
|