| 41. | स तु प्रकारः प्रोक्तलक्षणसंपदुपेतोऽपि भवनिह नातिप्रतन्यते ग्रन्थेऽस्मिन्नातिविस्तार्यते ।
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| 42. | जानते हुए भी कि वही वस् तु है।
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| 43. | कहीं भी जा सकते हो तु म..
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| 44. | अब तो तु आजा पास पाआस, है गुज़ारिश
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| 45. | हत् वार्थकामांस् तु गुरूनिहैव भुंजीय भोगान् रुधिर प्रर्दिधान।।
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| 46. | तो तु भी तो नारद ही कहलाया, बालक।
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| 47. | एक तुम और दूसरे भी तु म..
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| 48. | 11. गौरवं प्राप्यते दानान्न तु वित्तस्य सन्चयात्।
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| 49. | अनाज से हमें लुभोदित करती भी तु ।
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| 50. | अब तु मैन एकदम गीलि गो गयि थि।
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