इस औषधि का तब उपयोग करते हैं जब रीढ़ की हड्डी की 32 कशेरुकाएं, जिनमें से गर्दन में पांच, बाकी उसके नीचे, इनमें से गर्दन की अन्तिम कशेरुका से रीढ़ की हड्डी की पांचवी कशेरुका के बीच दर्द हो तथा इसके साथ ही दर्द त्रिकास्थि में भी होता हो।
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प्रसव के बाद अधिक रक्तस्राव (खून बहना) होने के कारण कभी-कभी स्त्री को पुट्ठे, त्रिकास्थि से जुड़ी हुई उपस्थि तथा कमर में एक प्रकार की शिथिलता महसूस होने लगती है, स्त्री को ऐसा महसूस होने लगता है मानो शरीर के सभी अंग टूट कर अलग हो जाएंगे ऐसे में वे अपने अंगों को बांध कर रखना चाहती है।
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यदि रोगी के त्रिकास्थि के आर-पार सुई की तरह चुभन होने के साथ ही दर्द हो, पीठ में भी दर्द हो, कमर में दर्द हो या सिर में दर्द हो या खूनी बवासीर हो जाए और शाम के समय में अधिक दर्द हो रहा हो तो चिकित्सा करने के लिए इस औषधि की 3 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करने से लाभ मिलता है।
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स्त्री रोगों से सम्बंधित लक्षण-मासिकधर्म का समय से बहुत पहले और बहुत ज्यादा मात्रा में आना, त्रिकास्थि (रीढ़ की हड्डी के नीचे का भाग) में दर्द सा होना, आमाशय में जलन होना, स्त्रियों के डिम्बों का सख्त हो जाना, स्त्रियों में मासिकधर्म के समय हांथ-पैरों में तेजी से खिंचाव के साथ दर्द होना आदि लक्षणों में रोगी स्त्री को स्पौजिया टोस्टा औषधि देने से लाभ मिलता है।
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जब आप खाते में दबाव है कि आपके कंधे और अपने कूल्हों का समर्थन लेने के लिए जब आप अपने पक्ष पर सो (एक है कि अपनी गर्दन का समर्थन करता है कि क्या आप अपने पेट या एक है कि अपनी पीठ के निचले हिस्से और त्रिकास्थि समर्थन पर सोने के लिए यदि आप अपने पर सो वापस) तुम्हें पता है कि एक स्मृति फोम गद्दे अपने जोड़ों के लिए अद्वितीय समर्थन देता है.
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स्त्री रोगों से सम्बंधित लक्षण-स्त्रियों का मासिकस्राव समय से पहले आ जाना और काफी समय तक आते रहना, गर्भाशय का छिल जाना, मासिकधर्म का कष्ट के साथ आना, त्रिकास्थि में दर्द और मलक्रिया की इच्छा होना, बार-बार पेशाब का आना, यौन उत्तेजना का बहुत तेज होना, खूनी प्रदर (योनि में से पानी आना) होने के साथ ही मलत्याग होने जैसा महसूस होना, निष्फल प्रसव वेदना जो मलान्त्र तक फैल जाती है आदि स्त्री रोगों के लक्षणों में रोगी को नक्स वोमिका औषधि का सेवन कराने से लाभ होता है।