' शब्द-कारखाना ' के साथ ही ' वैश्यवसुधा ' त्रैमासिकी का भी वे संपादन करते थे साथ ही प्रगतिशील सृजनशीलता के नये आयाम की तलाश भी वे ताउम्र करते रहे... ।
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यह पुरस्कार उन्हें विगत दिनों नई दिल्ली के रेल भवन में आयोजित समारोह में सदस्य (कार्मिक) रेलवे बोर्ड एवं रेल राजभाषा त्रैमासिकी के संरक्षक श्री अरविन्द कुमार वोहरा द्वारा प्रदान किया गया।
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आचार्य निरंजननाथ स्मृति सेवा संस्थान और साहित्य त्रैमासिकी ' संबोधन' के संयुक्त तत्वावधान में इस साल का आचार्य निरंजननाथ सम्मान सुपरिचित कवि गोविन्द माथुर को उनकी काव्य कृति 'बची हुई हंसी' के लिए प्रदान किया गया.
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उदयपुर: आचार्य निरंजननाथ स्मृति सेवा संस्थान और साहित्य त्रैमासिकी ‘ संबोधन ' के संयुक्त तत्वावधान में इस साल का आचार्य निरंजननाथ सम्मान सुपरिचित कवि गोविन्द माथुर को उनकी काव्य कृति ‘ बची हुई हँसी ' के लिए प्रदान किया गया।
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मानवीय मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध सर्जनात्मक साहित्यिक अनुष्ठान के रूप में युग मानस ने अपनी यात्रा 1994 में शुरू की थी और 2 अक्तूबर, 1996 को युग मानस त्रैमासिकी का प्रवेशांक का लोकार्पण प्रमुख विचारक विमला ठकार के करकमलों से नई दिल्ली में हुआ था ।
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सुप्रसिद्ध साहित्यिक त्रैमासिकी ‘ एक और अन्तरीप ' द्वारा संवाद श्रंखला के अन्तर्गत 27 मई 12, रविवार को जयपुर स्थित देराश्री शिक्षक सदन, राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर में साहित्यिक पत्रकारिता पर एक दिवसीय संगोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें प्रदेश भर की साहित्यिक पत्रिकाओं के संपादक, लेखक व पत्रकार ने भाग लिया।
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प्रकाशन: ग़ज़ल-संग्रह-हवा में भीगते हुए(1990), आँधियों के दौर में(1992), कुछ तो बोलो (1995),किसे नहीं मालूम (2004), इस समय में (2011) कहानी-संग्रह: समय से पहले (1992), दोहा-संग्रह: जैसे (2000), साथ चलेगा कौन (2005) सम्पादन: कथाभाषा (अनियतकालीन) पत्रिका 1987 से ‘निष्पक्ष भारती' के ग़ज़ल विशेषांक का एवं मसि कागद त्रैमासिकी के दोहा विशेषांक का सम्पादन।
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फिरोजाबाद की साहित्यिक संस्था ‘ मनीषा ' द्वारा स्वतंत्रता सेनानी और राष्ट्रीय ढोला गायक स् व. पं. गयाप्रसाद शर्मा की स्मृति में आयोजित लोकार्पण एवं काव्य गोष्ठी समारोह में कोलकाता से प्रकाशित साहित्यक त्रैमासिकी ‘ साहित्य त्रिवेणी ' के ‘ यायावर विशेषांक ' एवं डा. रामसनेही लाल शर्मा ‘ यायावर ' की तीन कृतियों का लोकार्पण किया गया।
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मुझे यकीन है के मनोज जी जो इन दिनों “ मंथन फीचर्स ” (राष्ट्रिय स्तर पर प्रकाशित साप्ताहिक समाचार फीचर सेवा) के मुख्य संपादक हैं, इसके साथ साथ वो “ शोध दिशा ” (समकालीन सृजन त्रैमासिकी) के संयुक्त संपादक और “ शांति ” (आध्यात्मिक उत्थान की अंतरराष्ट्रिय द्वैमासिक पत्रिका) के संपादक कार्य में अति व्यस्त होने के बावजूद भी अपने मोबाइल फोन न.
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त्रैमासिकी पत्रिका होने के कारण हम इसे तीन महीनों के अन् तराल पर ही प्रस् तुत कर पा रहे हैं, हालाँकि कई मित्रों का सुझाव तथा कुछ ज् येष् ठों की आज्ञा हुई इसे मासिक ईपत्रिका के रूप में निकालने के लिये, किन् तु उतनी मात्रा में आपके लेख न आने के कारण अभी फिलहाल इस पत्रिका को तीन महीने में एक बार ही प्रस् तुत किया जा रहा है ।