यह एक समस्या है, और समूचे युग की समस्या है, इसका निदान ढूँढने की बजाय, इससे चिंतित होने की बजाय इस तरह का गैरजिम्मेदारी पूर्ण निष्कर्ष पाठकों पर थोप देना इस किस्म की ओझागिरी ही है कि रोग इसलिए हुआ कि दक्षिण में हवा से पेड़ की एक टहनी टूटी.
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मैं-खैर अगर तुम्हारे किए हो सके तो तुम बिल्कुल कसूर मेरे ही सिर थोप देना, मैं अपनी सफाई आप कर लूंगा, मगर इतना समझ रखो कि लाख कोशिश करने पर भी तुम अपने को बचा नहीं सकते क्योंकि मैंने इन्हें खोज निकालने में जो कुछ मेहनत की थी वह इंद्रदेवजी के कहने से की थी, न तो मैं अपनी प्रशंसा कराना चाहता था और न इनाम ही लेना चाहता था।
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किसी की भी खिल्ली उड़ाना और किसी भी विषय पर विचार किये वगैर अपनी बात थोप देना आदि आदि यहाँ.... बखूबी देखने को मिल रही है...अब तो इस मंच से साहित्यकार कवि लेखक भी जुड़ने से डरने लगे है..को लेकर...मैंने यह पोस्ट “ क्या यही स्वतंत्र अभिव्यक्ति का मंच है की किसी पर भी कुछ भी थोपो....क्या ब्लागिंग जीनियस करते है आदि आदि....क्यों न अब ब्लागिंग को राम राम कर ली जा ये ”.
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विगत सौ वर्षों में जनसंख्या मे चार गुना से अधिक वृद्धि हुई है जिसके विषय में कोई व्यक्ति गंभीरतापूर्वक विचार करना नहीं चाहता, प्रत्येक व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी सरकार पर थोप देना चाहता है, यह बात सही है कि सरकार की भी इसमें एक महती भूमिका है और सरकार ने इस वृद्धि को रोकने हेतु कई योजनायें भी चलाई हैं, किन्तु अधिकतर योजनायें स्वैच्छिक प्रवृत्ति की होने के कारण ये योजनाएँ अपेक्षित सफलता प्राप्त नहीं कर पा सकीं।
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देश के अर्थशास्त्र और उसे पूंजीवान बनाए रहने के लिए ये जरूरी है कि सरकार अपने नागरिकों से कर वसूलने के अधिकार का प्रयोग करे, उसमें किसी नागरिक को कोई आपत्ति भी नहीं है, किंतु यकायक ही बिना किसी आधार के, बिना आम लोगों की राय मंशा जाने सीधा एक कर उनपर थोप देना न्यायसंगत नहीं लगता,खासकर उस शासन प्रणाली में तो कतई नहीं जो खुद को आधुनिक युग का सबसे सफ़ल प्रजातंत्र मानता हो ।
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देश के अर्थशास्त्र और उसे पूंजीवान बनाए रहने के लिए ये जरूरी है कि सरकार अपने नागरिकों से कर वसूलने के अधिकार का प्रयोग करे, उसमें किसी नागरिक को कोई आपत्ति भी नहीं है, किंतु यकायक ही बिना किसी आधार के, बिना आम लोगों की राय मंशा जाने सीधा एक कर उनपर थोप देना न्यायसंगत नहीं लगता, खासकर उस शासन प्रणाली में तो कतई नहीं जो खुद को आधुनिक युग का सबसे सफ़ल प्रजातंत्र मानता हो ।