जब एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात अक्ष पार उपोष्णकटिबंधीय रिज, इसका दबाव क्षेत्र के जनरल ट्रैक के आसपास अपनी उच्च उत्तर करने के क्षेत्र में काफी दबाव के सीधे रास्ते से फिर से हवाओं के चलते कम सामान्य की ओर.
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उष्णकटिबंधीय प्रणाली, जबकि आम तौर पर 20 वीं समानांतर के भूमध्य रेखा पर स्थित वार्ड, महासागरों हैं स्तीरेड है दुनिया को पश्चिम हवाओं पर उच्च दबाव क्षेत्र लगातार एकुँतोर्वार्ड पक्ष के सुब्त्रोपिकल रिज एक पूर्व मुख्य रूप से पश्चिम की ओर.
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उष्णकटिबंधीय प्रणाली, जबकि आम तौर पर 20 वीं समानांतर के भूमध्य रेखा पर स्थित वार्ड, महासागरों हैं स्तीरेड है दुनिया को पश्चिम हवाओं पर उच्च दबाव क्षेत्र लगातार एकुँतोर्वार्ड पक्ष के सुब्त्रोपिकल रिज एक पूर्व मुख्य रूप से पश्चिम की ओर.
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अधिकारी ने कहा कि इस दबाव क्षेत्र के आगे और मजबूत होने की संभावना है और यह पश्चिम उत्तर की तरफ बढ़ेगा जिस कारण आज रात यह उत्तरी उड़ीसा, पश्चिम बंगाल तटीय क्षेत्र, पारादीप और दीघा के बीच से पार करेगा।
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सभी टेक्टोनिक प्लेट्स में आंतरिक दबाव क्षेत्र होते हैं जो अपनी पड़ोसी प्लेटों के साथ अंतर्क्रिया के कारण या तलछटी लदान या उतराई के कारण होते हैं. (जैसे deglaciation).ये तनाव उपस्थित दोष सतहों के किनारे विफलता का पर्याप्त कारण हो सकते हैं, ये अन्तःप्लेट भूकंप (intraplate earthquake) को जन्म देते हैं.
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सभी टेक्टोनिक प्लेट्स में आंतरिक दबाव क्षेत्र होते हैं जो अपनी पड़ोसी प्लेटों के साथ अंतर्क्रिया के कारण या तलछटी लदान या उतराई के कारण होते हैं. (जैसे deglaciation).ये तनाव उपस्थित दोष सतहों के किनारे विफलता का पर्याप्त कारण हो सकते हैं, ये अन्तःप्लेट भूकंप (intraplate earthquake) को जन्म देते हैं.
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आरंभिक अत्तिरिक्त उषण कटिबंधीयकम दबाव क्षेत्र छवि पर लाल बिंदु के स्थान पर बनता है. चक्रवाती अंश के प्रारंभिक चरण के दौरान उपग्रह पर आमतौर पर लम्बवत (एक सही कोण पर) पत्ते की तरह बादल गठन देखा जाता है.ऊपरी स्तर की जेट धाराकी धुरी का स्थान हल्के नीले रंग में है.
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यह दावा किया जा सकता है कि सोवियत संघ और इसके अनुषंगी देश, जो अब तक अपने ही विशिष्ट दबाव क्षेत्र में अलग-अलग थे मानो किसी विचारधारात्मक सामाजिक, आर्थिक, भूगणितीय उभार (गुंबज) के नीचे दबे हों,इसने अविवेकपूर्ण ढंग से बिना अंतरिक्ष-पोशाक तैयार किए ही वायुबंध खोलना आरंभ कर दिया और इस प्रकार स्वयं को और अपने संस्थानों को बाह्य विश्व के तीव्र और अपरिमेय दबाव के हवाले कर दिया।
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यह दावा किया जा सकता है कि सोवियत संघ और इसके अनुषंगी देश, जो अब तक अपने ही विशिष्ट दबाव क्षेत्र में अलग-अलग थे मानो किसी विचारधारात्मक सामाजिक, आर्थिक, भूगणितीय उभार (गुंबज) के नीचे दबे हों,इसने अविवेकपूर्ण ढंग से बिना अंतरिक्ष-पोशाक तैयार किए ही वायुबंध खोलना आरंभ कर दिया और इस प्रकार स्वयं को और अपने संस्थानों को बाह्य विश्व के तीव्र और अपरिमेय दबाव के हवाले कर दिया।
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यह दावा किया जा सकता है कि सोवियत संघ और इसके अनुषंगी देश, जो अब तक अपने ही विशिष्ट दबाव क्षेत्र में अलग-अलग थे मानो किसी विचारधारात्मक सामाजिक, आर्थिक, भूगणितीय उभार (गुंबज) के नीचे दबे हों, ने अविवेकपूर्ण ढंग से बिना अंतरिक्ष-पोशाक तैयार किए ही वायुबंध खोलना आरंभ कर दिया और इस प्रकार स्वयं को और अपने संस्थानों को बाह्य विश्व के तीव्र और अपरिमेय दबाव के हवाले कर दिया।