| 41. | बस, मैं यही दया चाहती हूँ, दयामय? '
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| 42. | इस निरालम्ब अज्ञान-रत नीच को अब सम्हालो दयामय बहुत हो चुका।
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| 43. | किस विधि मिलूं दयामय, तुमको मैं कुमति दीनबंधु दुःखहर्ता, तुम रक्षक मेरे.
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| 44. | हे दयामय! मेरे सतीत्व की रक्षा करने वाले केवल तुम ही हो।”
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| 45. | ब्राह्मण ने प्रसन्न होकर कहा-‘‘ महर्षि, तुम बड़े दयामय हो।
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| 46. | हे दयामय भगवान! मुझसे बड़ी भारी चूक हुई है, मुझे क्षमा करो।
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| 47. | दयामय विघ्रराज ने संतुष्ट होकर उसे निर्भयतापूर्वक निवास करने के लिए कहा।
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| 48. | तुझे वन्दना मैं करुं, परम दयामय ईश, परम शक्तिमय साईं राम,परम पुरुष जगदीश॥
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| 49. | {हे दयामय महादेवजी! मुझे जीवित रहने की इच्छा नहीं है।
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| 50. | हे दयामय प्रभु! हमें क्षमाशील हृदय, विशाल सहिष्णुता,परस्पर समझ और अनुकूलता प्रदान करें।
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