साफ़ शब्दों में कहा जाये तो दलाली करना! एक पत्रकार कि कमाई को कोई भी सही नज़रों से नहीं देखता इसका यही कारण है कि इस पवित्र पेशे की के आड़ में अवैध उगाही और दलाली करना! ऐसे दलाल पत्रकारों के खिलाफ ठोस कदम उठाने की जरुरत है!
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साथ ही दलाली करना वाला तब तक दलाली करता है जब तक उसका फायदा नहीं होता और साथ ही किसी का वफादार भी नहीं होता उसे बस अपना पैसा कमाना और दूसरे को भी लाभ देना होता है जब तक ज्यादा लाभ तब तक उसके साथ फिर पाला चेंज जैसे मुलायम को कांग्रेस से मिला दिया।
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ऐसे लोगों को विश्व के किसी भी कोने में किसी भी प्रकार की कोई सुरक्षा और सहायता नहीं मिलती है | शर्मनाक है की हम उनके द्वारा दिशा निर्देश दिए जाने पर मानवाधिकर की आवाज को बुलंद करते हैं जो सबसे बड़े दुश्मन हैं मानवाधिकार के तथा हर मानवीय अधिकार को हनन कर उनका सत्ता की दलाली करना ही पेशा है...
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, और जो थोडा बहुत लंगड़ा लूला सनातनी ज्ञान हमे मिल गया वह हमारी मिथ्यभासी धार्मिक ग्रंथों से … (जी हाँ यही वास्तविक स्थिति है धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का.) इसी विरोधाभास की वजह से “ यदि योग्यतम ही श्रेष्ठ है तो कोई किसी गरीब की सहायता करने की बजाये किसी शक्तिशाली की दलाली करना ही पसंद करेगा. ”
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पूरे देश को पता चल गया कि हर रोज चैनलों मे दूसरे के कमियों को उजागर करने वाले, दूसरे को सद्चरित्र के उपदेश देने वाले, और दूसरे को सुधरने की बात करने वाले ये टाई वाले पत्रकार असल मे पत्रकार के भेष मे छुपे हुए एक दलाल है जिनका काम पत्रकारीता नही बल्कि पैसे और रुसूख के लिए सत्ता पक्ष की दलाली करना है |