जब उक्त प्रोजेक्ट एन0एच0पी0सी0 के सुपर्द कर दिये गये तब उत्तरवादी द्वारा न्यायिक एच0जे0एस0 फौजदारी निगरानी संख्या-20 / 2008 मजिस्टेट डीडीहाट के न्यायालय में एक प्रार्थनापत्र दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-156 (3) के अन्तर्गत मिस्टर बेन बी रेण्डम यूनिट इन्चार्ज काजिमा डेबू ज्वाईन्ट वेन्चर के विरूद्व इस आधार पर प्रस्तुत किया गया कि मिस्टर बेन बी रेण्डम द्वारा 424 गैस सिलेण्डर जिनकी कीमत 42,50,000-00 रूपये थी, का दुर्विनियोग किया गया।
42.
अपीलार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा 1990 क्रि0ला0ज0 एनओसी 40 (उडीसा) जेलेश्वर धर वनाम स्टेट आफ उडीसा की नजीर प्रस्तुत की गयी है जिसमें मान्नीय उच्च न्यायालय द्वारा यह अवधारित किया गया है कि जहॉ पर अभियुक्त द्वारा विभाग को यह पत्र लिखा गया कि सम्पत्ति की कमी को वह पूरा करने को तैयार है तो ऐसी स्थिति में उसकी स्वीकारोक्ति के आधार पर उसके विरूद्व कोई दुर्विनियोग का अपराध नहीं बनता है।
43.
क्या भारत सरकार देश के प्रसिद्ध जल वैज्ञानिकों और जल तकनीकी के विशेषज्ञों का एक आयोग गठित करेगा जो कोसी नदी में बनाये गये तटबंध और 55 वर्षों में उससे हुए विनाश और अन्याय तथा विज्ञान के दुर्विनियोग की जांच कर देश को वास्तविक स्थिति से अवगत कराएगी और निदान सुझाएगी? कोसी योजना के दुष्ट विज्ञान ने 55 वर्ष पूर्व कोसी की बालू और मिट्टी से ही दो तटबंधों की लकीर खींचने का पागलपन किया।
44.
क्या भारत सरकार देश के प्रसिद्ध जल वैज्ञानिकों और जल तकनीकी के विशेषज्ञों का एक आयोग गठित करेगा जो कोशी नदी में बनाये गये तटबंध और ५५ वर्षोंा में उससे हुए विनाश और अन्याय तथा विज्ञान के दुर्विनियोग की जांच कर देश को वास्तविक स्थिति से अवगत कराएगी और निदान सुझाएगी? कोशी योजना के दुष्ट विज्ञान ने ५५ वर्ष पूर्व कोशी की बालू और मिट्टी से ही दो तटबंधों की लकीर खींचने का पागलपन किया ।
45.
ऐसे में उपर्युक्त आशय की आधी-अधूरी मूल्यांकन रिपोर्ट्स पर सुरक्षित रूप से भरोसा नहीं किया जा सकता और इनके आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि आरोपी रामचन्द्र ने गिरदावर भवन के निर्माण हेतु न्यस्त राशि 1, 13,566/-में से 44240/-रू. और तलपट्टी नाडी की खुदाई व घाटबन्धाई के लिये न्यस्त राशि 1.80लाख रू0 में से 65365/-रू. को कपटपूर्वक अपने उपयोग में लेकर इसका दुर्विनियोग करते हुये आपराधिक न्यायभंग व आपराधिक अवचार किया हो तथा इसी आधार पर यह आरोपित अपराधों से दोषमुक्त किये जाने योग्य है।
46.
अतः स्वयं वादी मुकदमा के उक्त बयानात से यह स्पष्ट होता है कि जो सामान कथित सचिव पद धारक व्यक्ति को वापस किया गया, उसके द्वारा वापसकर्ता (विक्रेता समिति) को कच्ची रसीद देना कहा गया है और इस वापस किए गए सामान का कोई भी उल्लेख दायित्व रजिस्टर में न किए जाने से यह स्पष्ट होता है कि किस प्रकार से वादी मुकदमा को किए गए वापस सामान का दुर्विनियोग स्वयं वादी मुकदमा द्वारा किया जाता रहा है, अन्यथा उसके द्वारा वापस किए गए सामान की प्रविष्टि दायित्व रजिस्टर में की गई होती।
47.
लेकिन यह स्वयं वादी मुकदमा, जो सचिव है और जिसके द्वारा दायित्व रजिस्टर एवं अन्य अभिलेखों का संधारण किया जाता है, स्वयं इस बात को स्वीकार करता है और जिससे अभियुक्त/अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता के इन कथनों को बल मिलता है कि सचिव द्वारा स्वयं स्टॉक के सामान का दुर्विनियोग किया गया और उससे प्राप्त धनराशि का गबन किया गया तथा स्वयं के फंसने पर अभियुक्त/अपीलार्थी को झूंठा फंसाया है और पत्रावली के अवलोकन से यह भी स्पष्ट है कि धारा-409भा0दं0सं0 के अंतर्गत वादी मुकदमा के विरूद्ध भी मामला दर्ज किया गया था।
48.
क्रि ला ज, पेज 830 बंशीधर स्वैन बनाम राज्य इस नजीर में निर्धारित किया गया हैं कि धारा 409 भारतीय दण्ड संहिता के आरोप के लिये यदि यह आरोप लगाया गया हैं कि अभियुक्त ने राजकीय धन का दुर्विनियोग किया हैं तो जब तक अभियुक्त को धनराशि सुपुर्द नहीं की जाती तब तक इसका दुरूपयोग का प्रश्न ही नही उठता परन्तु साक्ष्य में यह पाया गया हैं कि सम्बन्धित सहायक अभियन्ता को उसकी लोक सेवक की हैसियत से धनराशि सुपुर्द नहीं की गई थी अधिक से अधिक यह मामला धोखाधडी का हो सकता है।