ये सब तो हुई कानूनी बात पर इस विषय पर यदि हम मानवीय रुख की बात करते हैं तो हम पाते हैं कि जो अपराध फाँसी की श्रेणी में रखे गए हैं वे सभी अपराध करने वाले अभियुक्त इसी सजा के हक़दार हैं आप खुद ही सोचिये धारा १ २ १ में भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध करना या युद्ध करने का दुष्प्रेरण करना ; क्या ये अपराध किसी माफ़ी के लायक है?
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" वह व्यक्ति किसी बात के किए जाने का दुष्प्रेरण करता है, जो-पहला-उस बात को करने के लिऐ किसी व्यक्ति को उकसाता हैय अथवा दूसरा-उस बात को करने के लिए किसी षड़यंत्र में एक या अधिक अन्य व्यक्ति या व्यक्तियों के साथ सम्मिलित होता है, यदि उस षड़यंत्र के अनुसरण में, और उस बात को करने के उद्देष्य से, कोई कार्य या अवैध लोप घटित हो जाएय अथवा तीसरा-उस बात के लिए किए जाने में किसी कार्य या अवैध लोप द्वारा साशय सहायता करता है।
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अभियुक्त कुण्डल सिंह के विरूद्व आरोप है कि उसने उपरोक्त दिनांक समय व स्थान पर अभियुक्त गोबिन्द सिंह को उकसाकर अपराध का दुष्प्रेरण किया गया जिसके परिणाम स्वरूप अभियुक्त गोबिन्द ने मोहन सिंह के उपर बडियाठ से वार किया यदि मोहन सिंह की मृत्यु हो जाती तो वह हत्या का दोषी होता तथा उसके द्वारा वादी व उसके परिवार को मां बहन की गन्दी-गन्दी गालियॉ दे कर अपमानित किया गया इस प्रकार अभियुक्त कुण्डल सिंह के विरूद्व भारतीय दण्ड संहिता की धारा-307 / 109 व 504 का आरोप है।
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सूरतगढ़ की लडक़ी अरूणा के मामा ससुर हनुमानगढ़ के प्रसिद्ध व्यापारी पवन मोहता की आत्महत्या प्रकरण में शव मिलने के बाद हनुमानगढ़ जंक्सन पुलिस ने मतृक के भाई पुरूषोत्तम की शिकायत पर सुसाईड नोट में लिखे तीन लोगों लडक़ी के भाई पत्रकार शिव सारड़ा, मेडिकल स्टोर मालिक शंकर लाल मूंधड़ा, पंडित विजेन्द्र शास्त्री के अलावा शिव की बहन अरूणा व पिता देवीप्रसाद सारड़ा के विरूद्ध आत्म हत्या दुष्प्रेरण का मुकद्दमा दर्ज कर दबिश देकर विजेन्द्र शास्त्री को सुबह गिरफ्तार कर लिया व शेष 4 की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबाव बनाए हुए है।
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अतः मामले की उपरोक्त परिस्थितियों एवं विश्लेषण से यह पूर्णतः साबित हो चुका है कि अभियुक्त शराब पीने का आदी था तथा शराब पीकर अपनी पत्नी के साथ मारपीट आदि करता था, जिस कारण से मृतका अभियुक्त के साथ वैवाहिक जीवन व्यतीत करने में विवश थी और इस प्रकार अभियुक्त द्वारा अपनी पत्नी श्रीमती कमला देवी को मृत्यु कारित करने का दुष्प्रेरण किया और जिसके फलस्वरूप मृतका द्वारा आत्महत्या की गई तथा अपनी जीवनलीला को समाप्त किया गया और अभियुक्त द्वारा कारित अपराध अंतर्गतधारा-306भा0दं0सं0 को साबित करने में अभियोजन पक्ष पूरी तरह सफल सिद्ध रहा है।