जिन लोगों को दिन में कोई काम नहीं करना होता या जिनके सिर पर कोई जिम्मेवारी नहीं होती वे ही अधिक देर तक सोना चाहते हैं।
42.
क्लास में सोना और सुबह देर तक सोना इन दोनों में तो मेरा कोई मुकाबला नहीं:-) और अब आप इतनी ईमानदारी से बता रही हैं तो...
43.
और सुबह देर तक सोना भी होता था (पर आठ या नौ बजे से ज्यादा नही) क्यूंकि स्कूल के दिनों मे तो सुबह-सुबह उठना जो पड़ता था।
44.
इस स्टडी के सह-लेखक और अलबाना विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मेगन रुइटर का कहना है कि कम देर तक सोना शारीरिक समस्याओं को और अधिक बढ़ा देता है.
45.
सुबह देर तक सोना, कुछ दोस्तो को SMS करना या फिर फोन पर बाते करना (और वह भी सिर्फ आफिस या आफिस के काम की) ।
46.
और सुबह देर तक सोना भी होता था (पर आठ या नौ बजे से ज्यादा नही) क्यूंकि स्कूल के दिनों मे तो सुबह-सुबह उठना जो पड़ता था।
47.
रहमान की बहन कंचना कहती हैं, दिलीप साधारण बच्चों जैसे ही अरमान रखता, देर तक सोना और कैरम खेलना, उसे माँ का पिआनो सीखाने के लिये सात बजे उठाना सख्त नापसंद था।
48.
सुबह आठ से दोपहर तीन और फिर रात २ से सुबह ६ बजे तक बत्ती गोल रहती है इसलिये देर तक सोना भी संभव नहीं था, उठ कर कपड़े जो इस्तरी करने थे।
49.
इसके कारण हैं शरीर का मोटा होना, चर्बी ज्यादा होना, ज्यादा मात्रा में भोजन करना, मीठे व गरिष्ठ पदार्थों का सेवन, सुबह ज्यादा देर तक सोना, दिन में अधिक देर तक सोना आदि।
50.
, बासी एवं प्रिजर्वेटिव युक्त फास्ट फूड, रात्रि जागरण, देर तक सोना, नशीले पदार्थों का सेवन, कुत्सित विचार युक्त कथाओं का देखना-सुनना आदि इन्द्रिय-असंयम ही आता हैi ।