एक ओर, उन्होंने अपने पिता तथा डर्बी फिलासॉफिकल सोसाइटी के अन्य सदस्यों से व जॉर्ज कॉम्बे की अत्यधिक लोकप्रिय द कॉन्स्टीट्यूशन ऑफ मैन (1828) जैसी पुस्तकों से अठारहवीं सदी के देववाद का कुछ अंश ग्रहण किया था.
42.
देववाद के नाम पर, पूजा-पत्री के नाम पर, मंत्र-तंत्रों के नाम पर, मनोकामना के नाम पर यह जो अज्ञान फैला दिया गया हैं, सिवाय नुकसान के और कुछ भी नहीं कर सकता।
43.
वेदोत्तर काल में पौराणिक तांत्रिक साहित्य और धर्म तथा लोक धर्म का वैदिक देववाद पर इतना प्रभाव पड़ा कि वैदिक देवता परवर्ती काल में अपना स्वरूप और गुण छोड़कर लोकमानस मे सर्वथा भिन्न रूप में ही प्रतिष्ठापित हुए।