| 41. | -मंडूकपर्णी का स्वरस 5-10 मिली की मात्रा में पीना मस्तिष्क दौर्बल्य के लिए लाभकारी मेध्य रसायन है।
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| 42. | लीवर प्लीहा पर इसका प्रभाव सीधा पड़ता है व ज्वर मिटाकर यह दौर्बल्य को भी दूर करता है ।
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| 43. | इसी दौर्बल्य के कारण पश्चिमी शक्तियों के नुकीले कदमों ने भारत मॉं के वक्षःस्थल को क्षत-विक्षत कर लहुलुहान कर दिया।
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| 44. | यह उच्च रक्तचाप, स्नायु, दौर्बल्य, उदार-विकार, भूत-प्रेत बाधा तथा चरम रोग आदि में लाभदायक हैं.
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| 45. | यौन दौर्बल्य: सालमपंजा 100 ग्राम, बादाम की मिंगी 200 ग्राम, दोनों को खूब बारीक पीसकर मिला लें।
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| 46. | इसी दौर्बल्य के कारण पश्चिमी शक्तियों के नुकीले कदमों ने भारत मॉं के वक्षःस्थल को क्षत-विक्षत कर लहुलुहान कर दिया।
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| 47. | राजनीतिक एवं आर्थिक दौर्बल्य के युग में उत्तर भारत को विदेशी आक्रमणकारियों के हाथों भी पराजित और अपमानित होना पड़ा।
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| 48. | धातु दौर्बल्य में तुलसी के बीज एक माशा, गाय के दूध के साथ प्रातः एवं रात्रि को देते हैं ।
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| 49. | गुण-कर्म संबंधी विभिन्न मत-इसे मेध्य (बुद्धिवर्धक), मस्तिष्क शामक एवं नाड़ी दौर्बल्य में सहायक माना गया है ।
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| 50. | इसके सेवन से स्नायविक दौर्बल्य, दिमागी कमजोरी, थकावट, शारीरिक निर्बलता, दुबलापन, वात प्रकोप, यौन शक्ति की कमी आदि व्याधियां नष्ट होती हैं।
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