चूँकि इसमें जड़ता नहीं है, यह गतिशील धर्म है, इसके वैज्ञानिक सिद्धांत और बेहतरीन मानवीय मूल्य आज समस्त संसार को लुभा रहे हैं किन्तु ढोंगी बाबाओं, नकली स्वामियों, धन्धेवाज कपटी साधुओं और राजनीती में धर्म का द्राक्षासव मिलाने वाले राजनीतिज्ञों ने इस सनातन धर्म को ' हिंदुत्व ' के नाम से बार-बार दाव पर लगाकर इसे धूमिल ही किया है ।