धत् तेरे कि.....आपका जन्म दिन आया...और चला भी गया.... धत् तेरे कि.....आपका जन्म दिन आया...और चला भी गया...और जाते-जाते भी आपको बाईस की बना गया.....बड़ा बदमाश निकल गया वो तो....अगली बार आएगा तो डाटूंगा उसे कि वो आपको बड़ा न करे...हा..हा..हा..हा..इक्कीस और बाईस का यह संगम मंगलमय हो....ऐसे अवसरों पर लिखी गई चीज़ें अवश्य ही अच्छी बन पड़ती है....
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धत् तेरे कि.....आपका जन्म दिन आया...और चला भी गया.... धत् तेरे कि.....आपका जन्म दिन आया...और चला भी गया...और जाते-जाते भी आपको बाईस की बना गया.....बड़ा बदमाश निकल गया वो तो....अगली बार आएगा तो डाटूंगा उसे कि वो आपको बड़ा न करे...हा..हा..हा..हा..इक्कीस और बाईस का यह संगम मंगलमय हो....ऐसे अवसरों पर लिखी गई चीज़ें अवश्य ही अच्छी बन पड़ती है....
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जहाँ देखा की इत्त्त्त्त्ती सारी महिला मित्रां और एक वो है जिसका कोई ना मित्रा (कोइना मितरा) इतने सारियों ने टेस्तिमोनिअल लिख डाले!!!!!!!!!!!!! '' तो फिर क्या हुआ??? '' '' धत् तेरे की..... '' '' हुआ क्या विश्वास डगमगा गया? '' '' अरे डगमगा नहीं गया भाई, भूकंप आगया भरोसा नाम के शहर में.... वो भी रिअक्टर स्केल पे पूरी ८.