| 41. | कंपती धरणी, उन चरणों से, होकर प्रतिदिन ही आक्रान्त।।
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| 42. | निचे विपुला धरणी है दुखभार वहन सा करती |
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| 43. | कँपती धरणी उन चरणों से होकर
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| 44. | ' ' धरणी ने फिर से साँस ली, पर बोझिल-सी।
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| 45. | शस्य-श्यामला धरणी की पहचान है हिन्दी
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| 46. | व्यस्त महाकच्छप-सी धरणी ऊभ-चूभ थी विकलित-सी।
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| 47. | दारिद्रमाकलयति नितांतभीतंप्रत्यार्थि वीर धरणी पति मण्डलानि।
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| 48. | जय धृति धरा धरणी माता, धरती पर जीवन बना रहे,
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| 49. | जिनसे धन्य हुई यह धरणी ||-नवम सर्ग समाप्त........क्रमश...दशम सर्ग....
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| 50. | नमन पावन धरणी को …..
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