पंजाबी साहित्य के प्रेमियों और पंजाबी लेखकों को यह जानकर प्रसन्नता होगी कि अब वे पंजाबी की अनूठी कृतियों के हिन्दी अनुवाद के धारावाहिक प्रकाशन का आस्वादन हिन्दी ब्लॉग “अनुवाद घर” के माध्यम से उठा सकेंगे।
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स् वाभाविक रूप से यह सारा प्रसंग-विवरण मेरे उपन् यास ' कंथा ' (महाकवि प्रसाद के जीवन-युग पर आधारित: दो साल से ' नवनीत ' में धारावाहिक प्रकाशन जारी) में दृश् यबद्ध हुआ है।
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पंजाबी साहित्य के प्रेमियों और पंजाबी लेखकों को यह जानकर प्रसन्नता होगी कि अब वे पंजाबी की अनूठी कृतियों के हिन्दी अनुवाद के धारावाहिक प्रकाशन का आस्वादन हिन्दी ब्लॉग “अनुवाद घर ” के माध्यम से उठा सकेंगे।
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पंजाबी साहित्य के प्रेमियों और पंजाबी लेखकों को यह जानकर प्रसन्नता होगी कि अब वे पंजाबी की अनूठी कृतियों के हिन्दी अनुवाद के धारावाहिक प्रकाशन का आस्वादन हिन्दी ब्लॉग “ अनुवाद घर ” के माध्यम से उठा सकेंगे।
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वर्षों बाद जब मैं ‘ साप्ताहिक हिंदुस्तान ' में धारावाहिक प्रकाशन के लिए तुम्हारे लिए लिख रहा था, तो यह सारा का सारा शहर, इसमें दबी सारी सोई स्मृतियाँ जागकर फिर से सहसा साकार हो उठी थीं।
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विश्व-प्रसिद्ध लेखक लियो तोलस्तोय के उपन्यास “ हाजी मुराद ” जिसका हिन्दी अनुवाद कथाकार-उपन्यासकार रूपसिंह चंदेल ने किया है और जो संवाद प्रकाशन, मेरठ से पुस्तक रूप में प्रकाशित हो चुका है, का धारावाहिक प्रकाशन ब्लाग पत्रिका ”
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मैंने भी बहुत जल्दी इससे निजात पा ली, जब 1970 में मेरी लम्बी कहानी ' बलवा ' का धर्मयुग में धारावाहिक प्रकाशन हुआ था, उसके साथ ही मेरी कहानियों में ' मैं ' और ' वह ' गायब हो गया.
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विश्व-प्रसिद्ध लेखक लियो तोलस्तोय के उपन्यास जिसका हिन्दी अनुवाद कथाकार-उपन्यासकार रूपसिंह चंदेल ने किया है और जो संवाद प्रकाशन, मेरठ से पुस्तक रूप में प्रकाशित हो चुका है, का धारावाहिक प्रकाशन ब्लाग पत्रिका के फरवरी 2008 अंक से प्रारंभ होने जा रहा है।
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ऐसे में एक वाकया बहुत याद आ रहा है कि ‘दैनिक आवाज ' के धनबाद और जमशेदपुर संस्करणों में उस अखबार के बंद हो जाने तक लगातीर करीब तीन सालों तक मेरे उपन्यास ‘अमेरिका से सावधान' का धारावाहिक प्रकाशन हुआ।तब ‘आवाज' के साहित्य संपादक श्यामबिहारी श्यामल थे।
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विश्व-प्रसिद्ध लेखक लियो तोलस्तोय के उपन्यास “हाजी मुराद” जिसका हिन्दी अनुवाद कथाकार-उपन्यासकार रूपसिंह चंदेल ने किया है और जो संवाद प्रकाशन, मेरठ से पुस्तक रूप में प्रकाशित हो चुका है, का धारावाहिक प्रकाशन ब्लाग पत्रिका “साहित्य सृजन” के फरवरी 2008 अंक से प्रारंभ होने जा रहा है।