यह नक्षत्रीय धूल मुख्य रूप से हलकी गैसों-हाईड्रोजन एवं हीलियम की बनी है | यह बहुत बड़े विस्तार में फैली होती हैं-और इन्हें “ नेबुला ” कहा जाता है | यह एक चित्र है नेबुला का-यहाँ जो खम्बे से दिख रहे हैं, एक एक प्रकाश वर्ष जितने लम्बे हैं!!
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आगे के जवाब:-आपने कुरआन कि कुछ आयतों का ज़िक्र किया है चन्द्रमा के बारे में विभिन्न नक्षत्रीय तारामंडलों और ब्रह्माण्ड की रचना के बारे में वैदिक विवरण कुरान में भी भाग 1, अध्याय 2, पैराग्राफ़ 113, 114, 115, 158 और 189 तथा अध्याय 9, पैराग्राफ़ 37 व अध्याय 10 पैराग्राफ़ 4 से 7 में वैसा ही दिया गया है।
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जैसा की योगानन्द द्वारा क्रिया योग को वर्णित किया गया है, “एक क्रिया योगी अपनी जीवन उर्जा को मानसिक रूप से नियंत्रित कर सकता है ताकि वह रीढ़ की हड्डी के छः केंद्रों के इर्द-गिर्द ऊपर या नीचे की ओर घूमती रहे (मस्तिष्क, गर्भाशय ग्रीवा, पृष्ठीय, कमर, त्रिक, और गुदास्थि संबंधी स्नायुजाल) जो राशि चक्रों के बारह नक्षत्रीय संकेतों, प्रतीकात्मक लौकिक मनुष्य, के अनुरूप हैं.
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जैसा की योगानन्द द्वारा क्रिया योग को वर्णित किया गया है, “एक क्रिया योगी अपनी जीवन उर्जा को मानसिक रूप से नियंत्रित कर सकता है ताकि वह रीढ़ की हड्डी के छः केंद्रों के इर्द-गिर्द ऊपर या नीचे की ओर घूमती रहे (मस्तिष्क, गर्भाशय ग्रीवा, पृष्ठीय, कमर, त्रिक, और गुदास्थि संबंधी स्नायुजाल) जो राशि चक्रों के बारह नक्षत्रीय संकेतों, प्रतीकात्मक लौकिक मनुष्य, के अनुरूप हैं।
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शनि की साढेसाती: शनि की साढेसाती का वैदिक नक्षत्रीय पद्धति द्वारा वैज्ञानिक अध्यन एवम शुभता-अशुभता का शुद्ध मुल्यांकन! आज शनि की साढे साती को एक दॊष करार दिया जा रहा है जब कि यह अनुभव किया जा चुका है कि शनि की साढेसाती मे शुभ एवम अशुभ दोनो ही परिणाम प्राप्त होते है यह शनि की स्थिति आदि के द्वारा मुल्यांकन किया जाता है!
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इन्होने ज्योतिषीय जगत की सर्वश्रेष्ठ, आश्चर्यजनक, व्यवहारिक तथा विश्लेषणात्मक फ़लादेश प्रदान करने वाली आधूनिक नक्षत्रीय वै्दिक ज्योतिष की फ़लादेश पद्धति एंव उपचार पद्धति का अध्यन अपने परमपूज्य गुरुदेव श्री सुरेन्द्र कुमार जी दिक्षित के संरक्षण में किया! श्री सुरेन्द्र कुमार जी दिक्षित कानपुर विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त रसायन विज्ञान के विभागाचार्य थे जिन्होने अपने स्वशोध एंव अनुसन्धान के द्वारा इस आधूनिक ज्योतिषीय पद्धति का निर्माण किया था तथा आज भी अनेक वैदिक विषयों पर शोधरत हैं!