जिस तरह भौतिक विज्ञान की प्रक्रियाओं से विद्युत बल, वायु बल, नाभिकीय बल आदि के प्रयोग होते हैं, उसी तरह से विविध आध्यात्मिक प्रक्रियाओं से प्राणबल, मनोबल, आत्मबल आदि के चमत्कारी प्रयोग किए जाते हैं।
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एक क्षण का दस लाखवाँ हिस्सा बीतते बीतते ब्रह्मांड इतना ठंढा हुआ कि तीन स्थायी क्वार्कों ने मजबूत नाभिकीय बल के प्रभाव में आकर प्रोटॉन (दो अप क्वार्क + एक डाउन क्वार्क) और न्युट्रॉन (एक अप क्वार्क + दो डाउन क्वार्क) का निर्माण किया।
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इस सिद्धांत के निर्माण में सबसे बड़ी बाधा क्षीण गुरुत्वाकर्षण बल को जो अन्य मूल बलों के सामने नगण्य है को इस थ्योरी में फिट करने में आने वाली मुश्किल है. प्रकृति में चार तरह के मूल बल है जो गुरुत्वाकर्षण बल,विद्युत् चुम्बकीय बल,क्षीण नाभिकीय बल और प्रबल नाभिकीय बल है.इसी तरह से मैटर के मूल पार्टिकल्स को क्वार्क्स(अप,डाउन,चरम, स्ट्रेंज,बाटम और टॉप) लेपटांस(इलेक्ट्रोन,म्युआन,ट्युआन और न्यूट्रिनो).
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इस सिद्धांत के निर्माण में सबसे बड़ी बाधा क्षीण गुरुत्वाकर्षण बल को जो अन्य मूल बलों के सामने नगण्य है को इस थ्योरी में फिट करने में आने वाली मुश्किल है. प्रकृति में चार तरह के मूल बल है जो गुरुत्वाकर्षण बल,विद्युत् चुम्बकीय बल,क्षीण नाभिकीय बल और प्रबल नाभिकीय बल है.इसी तरह से मैटर के मूल पार्टिकल्स को क्वार्क्स(अप,डाउन,चरम, स्ट्रेंज,बाटम और टॉप) लेपटांस(इलेक्ट्रोन,म्युआन,ट्युआन और न्यूट्रिनो).
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सभी मूल बल मूल भूत कणों द्वारा उत्पन्न होते है. विद्युत् चुम्बकीय बल फोटोंस से,गुरुत्वाकर्षण बल ग्रेविटोंस से,प्रबल नाभिकी बल आठ प्रकार के ग्लुओंस से और क्षीण नाभिकीय बल तीन तरह के पार्टिकल्स डब्लू+,डब्लू-और जेड से प्रसारित होते है.स्ट्रिंग थ्योरी में इन पार्टिकल्स को एक तरह से स्पंदन करने वाली स्ट्रिंग्स का समूह माना गया है और इस प्रकार इस थ्योरी से 'थ्योरी आफ एवरीथिंग' की और विज्ञान बढ़ा है.