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नासिक्य उदाहरण वाक्य

उदाहरण वाक्य
41.प्रकार्य की दृष्टि से देखा जाए तो अ एवं ञ्अ कंठ्य एवं तालव्य नासिक्य व्यंजन केवल “न” नासिक्य के उपस्वनों के रूप में प्रयोग किए जाते हैं जबकि म, न,ण का स्वतंत्र स्वनिमों के रूप में प्रयोग होता है।

42.प्रकार्य की दृष्टि से देखा जाए तो अ एवं ञ्अ कंठ्य एवं तालव्य नासिक्य व्यंजन केवल “न” नासिक्य के उपस्वनों के रूप में प्रयोग किए जाते हैं जबकि म, न,ण का स्वतंत्र स्वनिमों के रूप में प्रयोग होता है।

43.कोई कोई हिंदी लिख रहा है तो कोई हिँन्दी अब हर नासिक्य ध्वनि के लिए अगर अँ का प्रयोग मिले तो सोचिये कितनी बार वर्तनी सुधारी गई होगी? क्योंकि यह तो चल ही नहीं सकती थी, बेहद खटकती:)

44.सघोष ध्वनियों के मध्य में (अर्थात् दो स्वरो के मघ्य में या नासिक्य ध्वनियों के मध्य में) पूर्णतः बीच कीस्थिति में यह भी पूर्णतः सघोष होता है जबकि हिन्दी/ब्/शब्दो के शुरू में, मध्यमें एवं अंत में, सभी स्थितियों में विद्यमान हैं.

45.सघोष ध्वनियों के मध्य में (अर्थात् दो स्वरो के मघ्य में या नासिक्य ध्वनियों के मध्य में) पूर्णतः बीच कीस्थिति में यह भी पूर्णतः सघोष होता है जबकि हिन्दी/ब्/शब्दो के शुरू में, मध्यमें एवं अंत में, सभी स्थितियों में विद्यमान हैं.

46.प्रकार्य की दृष्टि से देखा जाए तो अ एवं ञ्अ कंठ्य एवं तालव्य नासिक्य व्यंजन केवल “ न ” नासिक्य के उपस्वनों के रूप में प्रयोग किए जाते हैं जबकि म, न, ण का स्वतंत्र स्वनिमों के रूप में प्रयोग होता है।

47.प्रकार्य की दृष्टि से देखा जाए तो अ एवं ञ्अ कंठ्य एवं तालव्य नासिक्य व्यंजन केवल “ न ” नासिक्य के उपस्वनों के रूप में प्रयोग किए जाते हैं जबकि म, न, ण का स्वतंत्र स्वनिमों के रूप में प्रयोग होता है।

48.सिंह के सिंघ उच्चारण के पीछे अंग्रेजी के singh को मूल कारक मानना इसलिए भी ठीक नहीं है कि क्योंकि अनुस्वार के पीछे छुपी नासिक्य ध्वनियों के लिए हिन्दी के कई शब्दों के अंग्रेजी में हिज्जों में म व्यंजन का प्रयोग साफ़ देखा जाता है।

49.अर्थात्म-न-ण अर्थभेद प्रकार्य करने वाली नासिक्य ध्वनियां हैं जब कि अ एवं ञ, ननासिक्य के साथ परिपूरक वितरण में मिलती हैं-न का उच्चारण कंठ्य ध्वनियों केपूर्व कंठ्य नासिक्य अ के रूप में होता है तो तालव्य ध्वनियों के पूर्व तालव्यनासिक्य ञ ध्वनि के रूप में होता है.

50.अर्थात्म-न-ण अर्थभेद प्रकार्य करने वाली नासिक्य ध्वनियां हैं जब कि अ एवं ञ, ननासिक्य के साथ परिपूरक वितरण में मिलती हैं-न का उच्चारण कंठ्य ध्वनियों केपूर्व कंठ्य नासिक्य अ के रूप में होता है तो तालव्य ध्वनियों के पूर्व तालव्यनासिक्य ञ ध्वनि के रूप में होता है.

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अंग्रेज़ी→नहीं। नहीं।→अंग्रेज़ी