आश्रमवासी सेवक (साधक) शयन के पूर्व शास्त्र की चर्चा, माला द्वारा मंत्रजप और ध्यान करके सोते हैं-यह आश्रम एक नित्यक्रम है।
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प्रत्येक दिन नित्यक्रम से निवृत्त होकर स्नानोंपरांत अपने घर में अपने पूजा स्थान में घी का दीपक जलाकर मां लक्ष्मी को मिश्री और खीर का भोग लगायें।
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प्रत्येक दिन नित्यक्रम से निवृत्त होकर स्नानोंपरांत अपने घर में अपने पूजा स्थान में घी का दीपक जलाकर मां लक्ष्मी को मिश्री और खीर का भोग लगायें।
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हम लोग लगभग एक घंटे में अपने नित्यक्रम से निवृत हुए, तब तक बारिश हल्की पड़ चुकी थी और कुछ बूंदाबांदी ही सी हो रही थी ।
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पत्नी रोज सुबह तोते-बच्चे को पिंजरे में ही नहलाती, नन्हे तोते को नहाना बड़ा अच्छा लगता...इस नित्यक्रम के बाद पिंजरे को फ़िर बाहर खूंटी पर टाँग दिया जाता.
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हम लोग लगभग एक घंटे में अपने नित्यक्रम से निवृत हुए, तब तक बारिश हल्की पड़ चुकी थी और कुछ बूंदाबांदी ही सी हो रही थी ।
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किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के प्रथमा के दिन नित्यक्रम से निवृत्त होकर स्नानोपंरात स्वच्छ वस्त्र धारण करें और अपने पूजा स्थान में यह पूजा प्रारंभ करें।
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किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के प्रथमा के दिन नित्यक्रम से निवृत्त होकर स्नानोपंरात स्वच्छ वस्त्र धारण करें और अपने पूजा स्थान में यह पूजा प्रारंभ करें।
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लेकिन सुदर्शन जी ने ऐसा मरण स्वीकारा कि मानों उन्होंने उसे विशिष्ट समय आमंत्रित किया हो! प्रात: पांच-साढ़े पांच बजे उठकर घूमने जाना यह उनका नित्यक्रम था।
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नित्यक्रम में राग भैरव व गांधार आदि से प्रारंभ होकर बिलावल, तोड़ी, आसावरी आदि से गुजरते हुए पूर्वी, कल्याण आदि के सहारे सायंकाल तक पहुंचती थी।