1803 में, सम्राट नेपोलियन द्वारा अर्चबिशपरिक को धर्मनिरपेक्ष बना दिया गया और उसे टस्केनी के फर्डिनेंड तृतीय, जो टस्केनी के पूर्व ग्रैंड ड्यूक थे, को साल्ज़बोर्ग के निर्वाचक मण्डल के रूप में सौंप दिया गया.
42.
इस फ्रष्ेमवर्क में निर्वाचक मण्डल का निर्धारण जिस प्रकार होता है, चुनावों में पूँजी, जोड़तोड़-तिकड़म और पूँजीवादी प्रचार तन्त्र की जो भूमिका होती है, उसका ज्यादा से ज्यादा लाभ बुर्जुआ संसदीय पार्टियों को मिलता है।
43.
संविधान बनाने वाली संविधान सभा को उन प्रान्तीय विधानमण्डल के सदस्यों ने चुना था, स्वयं जिनका चुनाव देश की कुल वयस्क आबादी के मात्र 11.5 प्रतिशत हिस्से से बने निर्वाचक मण्डल ने किया था।
44.
लेकिन 70वें संविधान संशोधन द्वारा यह व्यवस्था कर दी गयी है कि दो संघ राज्य क्षेत्रों, यथा पाण्डिचेरी तथा राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र दिल्ली की विधानसभाओं के सदस्य राष्ट्रपति के निर्वाचक मण्डल में शामिल किये जायेंगे।
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1803 में, सम्राट नेपोलियन द्वारा अर्चबिशपरिक को धर्मनिरपेक्ष बना दिया गया और उसे टस्केनी के फर्डिनेंड तृतीय, जो टस्केनी के पूर्व ग्रैंड ड्यूक थे, को साल्ज़बोर्ग के निर्वाचक मण्डल के रूप में सौंप दिया गया.
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इस सन्दर्भ में 11 वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1961 में यह स्पष्ट किया गया है कि राष्ट्रपति के चुनाव को इस आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती कि निर्वाचक मण्डल में कोई स्थान रिक्त था।
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लेकिन 70 वें संविधान संशोधन द्वारा यह व्यवस्था कर दी गयी है कि दो संघ राज्य क्षेत्रों, यथा पाण्डिचेरी तथा राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र दिल्ली की विधानसभाओं के सदस्य राष्ट्रपति के निर्वाचक मण्डल में शामिल किये जायेंगे।
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भारतीय संविधान में प्रदत्त ' मूलभूत' अधिकारों को निलंबित करने वाली सत्ता है?उत्तर: राष्ट्रपति4. भारत के राष्ट्रपति का निर्वाचन निर्वाचक मण्डल द्वारा होता है, जिसमे शामिल होते हैं-उत्तर: संसद के निर्वाचित सदस्य तथा राज्य विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य5.
49.
यह याद रखना होगा कि मुख्यत: सम्पत्तिा के आधार पर निर्धारित 11.5 प्रतिशत लोगों के निर्वाचक मण्डल ने ही (यानी धनी मुसलमानों के एक छोटे हिस्से ने ही) मुस्लिम लीग को '' मुसलमानों की प्रतिनिधि पार्टी '' कहलाने और पाकिस्तान की माँग का अधिकार दिया था।
50.
इस संस्था का प्रमुख उद्देश्य था-' भारतीय मुस्लिमों में ब्रिटिश सरकार के प्रति भक्ति उत्पत्र करना व भारतीय मुस्लिमों के राजनैतिक व अन्य अधिकारो की रक्षा करना।' 'मुस्लिम लीग' ने अपने अमृतसर के अधिवेशन में मुस्लिमों के पृथक निर्वाचक मण्डल की मांग की, जो 1909 ई.