और एसी की सफ़ाई नही होने से उसमे धूल जमा हो जाती है और उसमे ही फ़ंगस भी पैदा हो जाती है जो एसी की हवा से निकल कर हमारे नाकों मे जाकर नेजल इलर्जी, साईनोसाईटिस, स्किन फ़ंगस डिसीजौर अस्थमा, मायकोसिस एलर्जी हो सकती है जो कि निमोनिया की तरह ही होती है.
42.
आई वी आर आई बरेली की टीम द्वारा गम्भीर रुप से बीमार हिरनो नर काले हिरन जिसका इलाज बाडे के कक्ष मे किया जा रहा है उसका रक्त नमूना नेजल स्वैप तथा नौ मृतक काले हिरनो के आवश्यक सैम्पल तथा दिये जा रहे भोजन आदि के नमूने जांच के लिए दे दिये गये है।
43.
आयुर्वेद की ” शास्त्रोक्त घून्टी ” नियमित रूप से देना बच्चों के लिये हितकारी है / इससे उनकी immunity और शरीर की general health condition सुधरती है / आयुर्वेद के “ शास्त्रोक्त काजल ” का अन्खों मे नियमित प्रयोग करने से बच्चों की गले तथा नेजल साइनस की तकलीफों से छूटकारा मिल जाता है और यह तकलीफें बच्चों को जल्दी जल्दी नहीं होती है /