प्राचीन भारत में बुद्धिजीवियों ने हिंसा के विरोध की जगह उसके प्रचार में जिस नैपुण्य का परिचय दिया है, वह अमेरिकी लोगों के लिए डाह का विषय हो सकता है.
42.
की श्रेणी में वे सब औजार तथा सामान आते हैं जिनकी सहायता से कारीगर अपने नैपुण्य तथा हस्तकौशल द्वारा अपनी दस्तकारी से संबंध रखनेवाले पदार्थों को वांछित रूप, आकार आदि देते हैं।
43.
शास्त्र नैपुण्य और गम्भीर ज्ञान की दृष्टि से उनका स्थान प्रथम हो सकता है, किन्तु काल की दृष्टि से वे प्रथम थे-विभिन्न साक्ष्यों के आधार पर ऐसा नहीं माना जा सकता हैं।
44.
सिंह बनकर खाने के लिए अगर आप तैयार दिखाई दे रहे हैं तो इससे स्पष्ट है कि आप पाणिनि को और उसकी एकाग्रता को, अविच्छिन्नता को, विद्वत्व को, नैपुण्य को, बोध को स्वीकार करते चल रहे हैं.
45.
प्रारंभिक अवधारणा से व्यावसायिक रूप से प्रवर्तन करने तक, चिकित्सीय उत्पाद बनाने के लिए हम अपने ग्राहकों के साथ करीब से काम करते हुए अपने औद्योगिक डिजाइन, इंजीनियरिंग, मानवी कारकों और औद्योगीकरण क्षेत्रों के नैपुण्य और अनुभव को उपयोग मे लाते हैं।
46.
रात्रि पूर्णिमा के सान्निाध्य में मणिकंचन संयोग लिए अनुपम प्रतीत हो रही थी, क्योंकि प्रकृति के विलक्षण रचना नैपुण्य का सर्वश्रेष्ठ अंश है, रूप, लालित्य, तभी एक शिष्य के भिक्षापात्र में ऊपर उड़ती हुई चील के मुख से मांस का टुकड़ा गिर गया।
47.
" नेपर (१९८०) ने व्यक्तिनिष्ठ अनुदेशन प्रणाली को जिन शब्दों में परिभाषितकिया हैं, वे इस प्रकार हैं--" व्यक्तिनिष्ठ अनुदेशन प्रणाली मूल रूप से एक स्व-गति वाला नैपुण्य अधिगम (ंअस्टेर्य् ळेअर्निन्ग्) हैं, जिसमें विद्यार्थी पाठ्य-सामग्री की एक विशिष्टरूपरेखा में तैयार की गई इकाइयों पर अपने आप कार्य करते हैं.
48.
रात्रि पूर्णिमा के सान्निाध्य में मणिकंचन संयोग लिए अनुपम प्रतीत हो रही थी, क्योंकि प्रकृति के विलक्षण रचना नैपुण्य का सर्वश्रेष्ठ अंश है, रूप, लालित्य, तभी एक शिष्य के भिक्षापात्र में ऊपर उड़ती हुई चील के मुख से मांस का टुकड़ा गिर गया।
49.
अरबों के भारत-विजय, में लगे 300 वर्षों के प्रयास को वे एलफिंस्टन के इस तर्क में कि हिन्दुओं में अपने धर्म के प्रति दृढ प्रेम ही इस अपराजेयता का कारण था, घटाकर नहीं देखते हैं, उनके अनुसार ‘ इसका कारण नैपुण्य और योद्धा शक्ति थी ‘.
50.
हटा लेने दो ऊपर चढ़ी धुंध, उसकी अपनी तेजस्विता निखर आये! ' कृष्ण का संकेत समझ रही है पाँचाली, तेज में नैपुण्य में स्वार्जित उपलब्धि, केवल जन्म की बाधा, नहीं तो कहाँ होता, कहाँ जा कर रुकता! ' जानती हूँ पक्षपात किया गया था, कितनी बा र.