| 41. | नैव दुष्टं रणे पापं युध्यमानस्य धीमत: ॥ 21 ॥
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| 42. | मनसा चिन्तितं कार्य वाचा नैव प्रकाशयेत्।
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| 43. | नैव वर्णाश्रमादीनां क्रियाश्च फलदायिकाः॥ सर्वदर्शनसङ्ग्रह-पृ॰ 20 / ref >
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| 44. | ये उपस्कर प्रायः ओम्नी-बियरिंग इंडिकेटर या नैव इण्डिकेटर कहलाते हैं।
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| 45. | नैव किंचित्करोमीति युक्तो मन्येत तत्ववित् ।
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| 46. | सर्वस्यौषधमस्ति शास्त्रकथितं मूर्खस्य नैव क्वचित् ।
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| 47. | गते शोको न कत्र्तव्यो भविष्यं नैव...
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| 48. | नास्यामृज्ञं न तिथिकरणं नैव लगनस्य चिन्ता।
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| 49. | न जानामि योगं जपं नैव पूजां।
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| 50. | नैव किंचित्करोमीति युक्तो मन्येत तत्ववित् ।
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