इससे पहले कि निर्णय समाप्त किया जावे, यहां यह उल्लेख करना होगा कि परिवादी रूघाराम (पी. डब्ल्यू. 15) ने टेªप के सम्बन्ध में अपने द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट (प्रदर्श पी. 30) को ही इनकार करते हुये पक्षद्रोही साक्षी के रूप में शपथ पर झूठी साक्ष्य दी है, इस कारण इसके विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 193 के अपराध की कार्यवाही करने के लिये दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 340 के अधीन अलग से आपराधिक विविध प्रकरण पंजीबद्ध कर उसे नोटिस दिया जावे कि क्यों न उसके विरूद्ध इस आशय की कार्यवाही की जावे?
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इससे पहले की निर्णय समाप्त किया जावे, यहां यह उल्लेख करना होगा कि परिवादी खीमपुरी पी. डब्ल्यू. 5 ने अपने द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट प्रदर्श पी. 15 को लिखने एवं आरोपी द्वारा रिश्वत राशि स्वीकार करने के सम्बन्ध में इनकार करते हुये पक्षद्रोही साक्षी के रूप में शपथ पर झूठी साक्ष्य दी हैं, इस कारण इसके विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 193 के अपराध की कार्यवाही करने के लिये दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 344 के अधीन अलग से आपराधिक विविध प्रकरण दर्ज कर उसे नोटिस दिया जावे कि क्यों न उसके विरूद्ध इस आशय की कार्यवाही की जाये?