| 41. | मटोखर दह तथा पचना गांव में सरोवर तथा पचना पहाड़ पर खंडहर व पवनचक्की के अंश अभी भी विद्यमान है।
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| 42. | अरविन्दासव: बालकों को सूखा रोग, अतिसार, दूध न पचना आदि रोगों को दूर कर उन्हें हृष्ट-पुष्ट, बलवान बनाता है।
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| 43. | असल में उल्टी का कारण अपच (भोजन का न पचना) या अजीर्ण (पुरानी कब्ज) ही होता है।
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| 44. | आमाशय से सम्बन्धित लक्षण:-खाना ठीक प्रकार से न पचना तथा खाना खाने के बाद पेट फूलना तथा दम घुटना।
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| 45. | 24. पपीता: कब्ज, भोजन का न पचना व खूनी बवासीर आदि रोगों में पका हुआ पपीता खाना बेहद लाभकारी होता है।
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| 46. | की कमी से होने वाला रोग-भुख ना लगना भोजन करने की इच्छा ना होना भोजन का ना पचना कब्ज मुख में छाले।
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| 47. | अपच: आधे चम्मच कच्चे पपीते का दूध चीनी के साथ प्रतिदिन लेने से अपच (भोजन का न पचना) दूर होता है।
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| 48. | पानी न पचना 21. पानी न मांगना 22. पानी पानी होना/करना 23. पानी पी पीकर 24. पानी फिरना 25. पानी फेरना 26. पानी भरना 27.
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| 49. | पानी न पचना 21. पानी न मांगना 22. पानी पानी होना/करना 23. पानी पी पीकर 24. पानी फिरना 25. पानी फेरना 26. पानी भरना 27.
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| 50. | निद्रानाश से बदनदर्द, सिर में भारीपन, जड़ता, ग्लानि, भ्रम, अन्न का न पचना एवं वात जन्य रोग पैदा होते हैं।
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