इसके नियमित सेवन से शीघ्रपतन, वीर्य का पतलापन, स्वप्नदोष, प्रमेह, खूनी बवासीर, रक्त प्रदर आदि रोग ठीक हो जाते हैं और यह प्रयोग बलवीर्य वृद्धि के लिए भी बहुत लाभकारी है।
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इसके अलाबा लिंग का टेड़ापन, पर्याप्त रुप से लिंगोत्थान का न होना, लिंग में पर्याप्त कठोरता का न आना, वीर्य का पतलापन, लिंगोत्थान होते होते ध्वजभंग हो जाना आदि एसे खतरनाक रोग हैं।
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वीर्य वद्र्वक योग-चावल दाल की खिचड़ी, नमक, मिर्च, हींग, अदरक मसाले व घी डालकर सेवन करते रहने से शरीर में शुद्व वीर्य की आशातीत वृद्धि होती है, पतलापन दूर होता है।
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इस लेप को करने से लिंग का टेढ़ापन, मोटाई तथा पतलापन, लिंग की नसों के ऊपर उभर आया नीला निशान तथा लिंग से शीघ्र वीर्य का निकल जाना जैसी सभी प्रकार के रोग समाप्त हो जाते हैं।
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100 मिलीलीटर गाजर का रस, 50 मिलीलीटर पालक का रस और 50 मिलीलीटर चुकन्दर के रस को एक साथ मिलाकर प्रतिदिन पीने से रोगी के शरीर में शक्ति आ जाती है जिसके फलस्वरूप रोगी का पतलापन दूर होता जाता है।
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समीक्षाओं में फुल-साइज कीबोर्ड कुंजीपटल, वजन, पतलापन और मल्टी-टच ट्रैकपैड की सराहना की थी जबकि विन्यास के सीमित विकल्पों, धीमी गति (गैर-एसएसडी मॉडलों में), उपयोगकर्ता द्वारा नहीं बदली जाने वाली बैटरी, छोटे हार्ड ड्राइव और मूल्य की आलोचना की गयी थी.
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चख ले आप यहां है-होम » विचार मंच » संडे एनबीटी » जस्ट जिंदगी » इन्हें भी पढ़ेंबार-बार नाइटफॉल होता है, क्या करूं?सीमेन का पतलापन नहीं है दोषी इलाज है उस 'कमी' का?इलाज है उस 'कमी' का?-एक पाठक नपुंसकता को आज केनपुंसकता क्या है?
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जैसे शिशन के आकार, उत्थान, टेढापन, लिंग पर उभरी नसों का होना, वृषण कोष का आकार, वीर्य की मात्रा व पतलापन, सम्भोग क्षमता, समय, स्त्री जननांगो के बारे में अज्ञानता, सेक्स तकनीक, शीघ्र स्खलन आदि के बारे में सोच-सोचकर वे दुःख में घिर जाते हैं।
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· बवासीर, वीर्य का पतलापन, शीघ्रपतन, प्रमेह स्वप्नदोष आदि रोगों में बड़ का दूध अत्यंत लाभकारी है | प्रातः सूर्योदय के पूर्व वायुसेवन के लिए जाते समय २-३ बताशे साथ में ले जाये | बड़ की कलि को तोड़कर एक-एक बताशे में बड़ के दूध की ४-५ बूंद टपकाकर खा जायें |
50.
समीक्षाओं में मैकबुक एयर की सुवाह्यता (पोर्टेबिलिटी) की सराहना की गई थी, हालांकि सुविधाओं के साथ समझौता किये जाने की आलोचना भी हुई थी.[37][38][39] समीक्षाओं में फुल-साइज कीबोर्ड कुंजीपटल, वजन, पतलापन और मल्टी-टच ट्रैकपैड की सराहना की थी जबकि विन्यास के सीमित विकल्पों, धीमी गति (गैर-एसएसडी मॉडलों में), उपयोगकर्ता द्वारा नहीं बदली जाने वाली बैटरी, छोटे हार्ड ड्राइव और मूल्य की आलोचना की गयी थी.[37][38]