और हमसे से अच्छा कौन है, क्या मैं?क्या आप?क्या वो?क्या वो-वो?? कौन से क़ानून का पालन करते हैं हममें से कोई भी “हम” भला? और कौन-सी नैतिक-शिक्षा ही दे पा रहे हैं हम अपने बच्चों को भी भला? जब पतित होना ही सिखाते हैं हम अपने ही वंशजों को तो कौन सा बदलाव लाना चाहते हैं हम अपने देश में-अपने तंत्र में....!! दोस्तों,अगर बदलाव होगा तो सबसे पहले खुद में होगा,खुद से होगा वगरना भेडिये ही आयेंगे और भेडिये ही जायेंगे अंतर कहीं भी,कुछ भी नहीं पडेगा....