शब्दों के सफ़र में इस्लाम पर सार्थक चर्चा! दीगर बात यह कि आज दुनिया का सबसे विकृत धर्म अगर कोई है तो वह इस्लाम ही है-विकृतियां तो कमोबेश सभी धर्मों में समयांतर से आयीं पर जितना इस्लाम विकृत हुआ है उतना कोई भी नहीं! कारण? यह परले दर्जे का कट्टर धर्म है-नए ज्ञान को स्वीकारता नहीं है-कठमुल्ले भरे पड़े हैं!
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और जो शख्स आख़िरत की नीयत रखेगा और इसके लिए जैसी साईं करना चाहिए वैसी ही साईं करेगा बशर्ते ये कि वह शख्स मोमिन भी हो, सो ऐसे लोगों की ये साईं मकबूल होगी. '' यहाँ पर पहली बात तो ये साबित होती है कि मुहम्मदी अल्लाह परले दर्जे का शिकारी है कि शिकार के लिए दाना डालता है, आदमी दाना चुगने लगे और चैन कि साँस ले कि वह इसको दबोच लेता है?