यह कृत्रिम पराग कण (हवन सामग्री) से पुष्प (यज्ञ) के गर्भाशय (कुण्ड) में निषेचन (वीर्य प्रत्यारोपण) की वैदिक प्रक्रिया है।
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खर-पतवार, पेड़-पौधों को पराग कण, पालतू जीव-जंतुओं की झड़ी हुई खाल जैसी चीजें दमा के लगभग एक-तिहाई मामलों में इसके पैदा होने की वजह बन सकती हैं।
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कुछ आम ट्रिगर्स में सिगरेट का धुआँ, वायु प्रदूषण, धूल के कीटाणु, शारिरिक श्रम और व्यायाम, पराग कण, फर या पंख शामिल हैं.
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[9] बीजाण्ड एक प्रक्रिया जिसे परागण कहते हैं, द्वारा निषेचित होता है, इस प्रक्रिया मे पराग कण पुष्पों के पुंकेसर से वर्तिकाग्र को संचारित होते हैं।
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यह तब होती है, जब आप किसी ऐसी चीज़ में साँस लेते हैं, जिसकी आपको एलर्जी है, जैसे धूल, धुआँ, रूसी या पराग कण.
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हवा में तैरते जहरीले पदार्थ, पराग कण, खरपतवार, सुगंध, फफूंद, रूई या अन्य के रेशे, पालतू पशुओं के रेशे या पंख आदि एलर्जी पैदा करते हैं।
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रोग की वह अवस्था है जब मार्च से अगस्त तक पराग कण के वातावरण मे अत्याधिक संख्या मे होने की वजह से रोगी लगातार जुकाम, छीकॊं, आँख और नाक मे...
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वह आगे बताते हैं, ” बारिश तो सभी फसलों के लिए अच्छी है लेकिन अगर सरसों की फसल में फूल आए हैं तो बारिश से उसके पराग कण गिर जाते हैं।
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मक्का की फसल का ही उदाहरण ले लीजिए! जेनेटिक रूप से परिवर्तित मक्का की फसल के पराग कण हवा से, कीटों और जानवरों के माध्यम से चारों तरफ फैलते हैं।
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कॉर्नेल ग्रीनहाउस में खिले इस फूल का परागण हाथों से किया गया था जिसके लिए पिछले वर्ष न्यूयॉर्क के बर्मिगहैम विश्वविद्यालय में खिले फूल से पराग कण इकट्ठा करके रखे गए थे ।