! रात आधी, खींच कर मेरी हथेली एक उंगली से लिखा था “ प्यार ” तुमने....! लेकिन ध्यान रखना... आगे कोई मोड नही.... मुझे जिन्दगी के रथ पर बैठा दो और उसके अश्वो को पवन वेग से दौडा दो....! मेरे अश्क मेरे बस में रहते हैं * * और अक्सर ये मुझ से कहते हैं...
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बिन्दु श्रुत समस्या सर्वश्रेष्ठ समझा जाता है क्योंकि इसमे सरल गणित के अध्ययन को एक लंबी अवधि के समय को शामिल किया गया है वापस डेटिंग के बारे में वर्ष १ ९ ०० हैयह गाऊसी (Gaussian) प्रकीर्णन के लिए मॉडल के लिए वायु प्रदूषण की भविष्यवाणी के लिए भविष्यवाणी (isopleths) पवन वेग के साथ विचार करने को दिया है (एक उपाय के वायुमंडलीय अस्तव्यस्तता (turbulence)).
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माना अभी धुंधला सवेरा है काले बादलों ने सूरज को घेरा है इससे सूरज बुझा तो नहीं है आग उसमें बाकी है अभी किरणों का राग बाकी है अभी बस, हवा के एक झोंके क़ी दरकार है ये तो सब को पता है कि हवा, बादल कि सबसे पुरानी तकरार है रुको मत, झुको मत, निराश मत हो पवन वेग से आता ही होगा रखो भरोसा वो झोली में अपनी उपहार प्रकाश का लाता ही होगा
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बहुत दिन बाद छुट्टी पर गया था अतः अधीनस्थों को भी संकोच था कि जब तक अति आवश्यक न हो, मेरे व्यक्तिगत समय में व्यवधान न डालें...! सियानी गोठ-गाय लछमी साहीं समझ के, पालो घर-घर गाय चारा खावय अपन हर, तुम्हला दूध पियाय तुम्हला दूध पियाय, खाद बर देवय गोबर...! रात आधी, खींच कर मेरी हथेली एक उंगली से लिखा था “प्यार” तुमने....! लेकिन ध्यान रखना... आगे कोई मोड नही.... मुझे जिन्दगी के रथ पर बैठा दो और उसके अश्वो को पवन वेग से दौडा दो....!