हमारे हिन्दू पूर्वजों ने त्रेता युग में समुद्र पर पुल बाँधा था, महाभारत काल में लाक्षा ग्रह का निर्माण किया था, पाटली पुत्र से ले कर तक्षशिला तक भव्य राज मार्ग का निर्माण कर दिखाया और विश्व के प्राचीनत्म व्यवस्थित नगरों को बसाया था, लेकिन आज उन्हीं के देश में विश्व की अन्दर अपनी पहचान के लिये प्राचीन इमारत केवल ताजमहल है जिस में मुमताज़ महल और शाहजहाँ की हड्डियाँ दफन हैं।
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पहाड़ी फोरम कें पढ़नी सुणणि सब भै बैनियों साल २०११ कुछ घंटों मेहमान रै गो, कुछ घंटों बाद साल २०१२ ऐजाल| नई साल २०१२ आपु लोगों लिजी खुशियों भरी हओ, मंगल मई हओ, भगवान आपु सब्बुकी मनोकामना पूर्ण करो| आपूं सब साल २०१२ में दिन दुनी रात चौगुनी तरक्की करो, य म्यार तरफ बटी हार्दिक शुभकामना छू| जी रया जागि रया बचि रया| अंत में आप सब्बुं कें नई साल २०१२ कि शुभकामना| के: आर: जोशी. पाटली (बागेश्वर)
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किसान ने जवाब दिया की बिस्तरे मे कोई चीज चुभ रही है | इस पर वजीर ने राजा को बताया की जहाँपनाह जब आप ने इस किसान को जमीं पर बगैर बिस्तरे और बगैर सिरहाने सोया देखा था तो उस समय किसान ने उस के अनुकूल शारीर बनाया था पर अब एक महीने मे ही इस का शारीर इतना कोमल हो गया है की घोड़े के पूंछ के बाल भी इसे चुभने लग गए हैं | इसीको शरीर की कमाई कहते हैं | के: आर: जोशी (पाटली)
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जब बुलावा आया ही था तो जाना ही था | अमर सेठ घनश्यामदास के घर गया और हाथ जोड़ कर खड़ा हो गया | सेठ घनश्यामदास ने उस की अच्छी तरह से खातिरदारी की और बताया की किस तरह आज अमर के कहे शब्दों ने घनश्यामदास की जान बचाई | सेठ घनश्यामदास ने अमर को खूब सारा धन दिया और उसका धन्यवाद किया | अमर ने सेठ घनश्याम दास को आशीर्वाद दिया और अपने घर आ कर आराम से अपनी जिन्दगी बसर करने लगा | के. आर. जोशी (पाटली)
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राजा ने पाटली पर दृष्टि रखने के लिए एक महिला गुप्तचर की नियुक्ति कर दी | वह गुप्तचर पूरी सावधानी से कार्य कर रही थी, अत: एक रात्रि उसने पुत्रक को पाटली के कक्ष में देख ही लिया और उसके वस्त्रों में पाटली के पैरों में महावर के चिन्ह लगा दिए | प्रात: काल महिला गुप्तचर ने राजा को समस्त बात से अवगत कराया तो राजा ने पूरे नगर में अपने सैनिक भेज दिए | उन्हें आदेश दिया गया कि जिस व्यक्ति के वस्त्रों पर महावर लगा हो, उसे बंदी बना लिया जाए |
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राजा ने पाटली पर दृष्टि रखने के लिए एक महिला गुप्तचर की नियुक्ति कर दी | वह गुप्तचर पूरी सावधानी से कार्य कर रही थी, अत: एक रात्रि उसने पुत्रक को पाटली के कक्ष में देख ही लिया और उसके वस्त्रों में पाटली के पैरों में महावर के चिन्ह लगा दिए | प्रात: काल महिला गुप्तचर ने राजा को समस्त बात से अवगत कराया तो राजा ने पूरे नगर में अपने सैनिक भेज दिए | उन्हें आदेश दिया गया कि जिस व्यक्ति के वस्त्रों पर महावर लगा हो, उसे बंदी बना लिया जाए |
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राजा ने पाटली पर दृष्टि रखने के लिए एक महिला गुप्तचर की नियुक्ति कर दी | वह गुप्तचर पूरी सावधानी से कार्य कर रही थी, अत: एक रात्रि उसने पुत्रक को पाटली के कक्ष में देख ही लिया और उसके वस्त्रों में पाटली के पैरों में महावर के चिन्ह लगा दिए | प्रात: काल महिला गुप्तचर ने राजा को समस्त बात से अवगत कराया तो राजा ने पूरे नगर में अपने सैनिक भेज दिए | उन्हें आदेश दिया गया कि जिस व्यक्ति के वस्त्रों पर महावर लगा हो, उसे बंदी बना लिया जाए |
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इतना सुनते ही पुत्रक ने उस जादुई छड़ी से वहीं भूमि पर एक नगर का चित्र बनाया, जिसमें दुर्ग, सेना आदि का भी निर्माण किया | चित्र बनते ही वहां पर नगर, सेना आदि सब कुछ आ गया | पुत्रक वहां का राजा बन गया | कुछ समय बाद उसने अपने ससुर के राज्य पर भी अधिकार कर लिया | अब वह समस्त पृथ्वी का राजा बन गया था | पाटली के कहने पर पुत्रक द्वारा बनाया गया यही नगर पाटलिपुत्र के नाम से जाना गया, जहां लक्ष्मी और सरस्वती एक साथ रहती हैं |