| 41. | पार्थ अब तक तुमने कपडे नहीं बदले?
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| 42. | हे पार्थ! तुच्छ बात पर शोक मत कर।
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| 43. | हम पार्थ बनेंगे तब वो हमारे सारथी बनेंगे।
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| 44. | साक्षी रहे संसार करता हूँ प्रतिज्ञा पार्थ मैं,
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| 45. | पार्थ के मातहत कुछ लोग मौजूद थे ।
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| 46. | पार्थ खत्म करो ये शोक और उठाओं गांडीव।
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| 47. | पार्थ डे के सिर में चोटें आई हैं।
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| 48. | एषा ब्राह्मी स्थिति: पार्थ नैनां प्राप्य विमुह्यति।
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| 49. | हे पार्थ!...अर्जुन गाँडीव उठाए तो किसके पक्ष में?...
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| 50. | प्रसङ्गेन फलाकाङ्क्षी धृतिः सा पार्थ राजसी ॥१८-३४॥
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