बडी पोस्ट नहीं चाहता इसलिये अगले तीन दिनों में वादा कि इस बार इस गीत को लिखने की साहिर की मानसिकता, गुरुदत्त का जुनून और, प्यासा फ़िल्म में चित्रिकरण की पार्श्वभूमि, सभी विस्तार से लिखूंगा....
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हमारे अध्यक्ष, डॉ.एस.वी. प्रभात, एक प्रतिभाशाली शैक्षिक पार्श्वभूमि (जिसके अंतर्गत एस.वी. विश्वविद्यालय, आन्ध्र प्रदेश से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर और सदर्न क्रॉस विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया से इंटरनेशनल बिजनेस में एम.बी.ए. और नागार्जुना विश्वविद्यालय से उद्यमिता विकास में डॉक्टरेट उपाधि शामिल है) और अतिविशिष्ट व्यक्तित्व के धनी हैं।
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जिस पार्श्वभूमि यह ठुमरी दर्शायी गयी है उसमें जीवनयापन की विभीषिका से जूझते मुंबई पहुंचे एक ग्राम्य युवा का सामने से ट्रेनों का अपने ' मुल्क ' ' की ओर विवश सा गुज़रते देखना और अपनी सद्य परिणीता पत्नी की याद का मार्मिक चित्रण है.
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फिर भी अनेक मनोवैज्ञानिकों के विचारों से सहमत होकर हम कह सकते हैं कि मन वह अदृश्य परन्तु प्रकाश्य स्थान है जहाँ अनुभवों का बोधन संगठन एवं पुनर्रचना होती है इसीलिए अनेक वर्षों से मनुष्य क्रिया-प्रतिक्रिया एवं उसकी वैचारिक पार्श्वभूमि को मन की संज्ञा दी जाती रही है।
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इन दो गम्भीर गलतियों ने भारतीय कम्युनिस्ट आन्दोलन को गम्भीर धक्का पहुँचाया और ग्रास रूट स्तर पर मजदूरों-किसानों के जुझारू संघर्षों और उनमें अपनी गहरी साख के बावजूद राष्ट्रीय आन्दोलन का नेतृत्व कांग्रेस के हाथों से छीनने के मामले में कम्युनिस्ट काफी पीछे छूट गये तथा पार्श्वभूमि में धकेल दिये गये।
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संपादक महोदय, मुम्बई पर हुये आतंकवादी हमलों की पार्श्वभूमि में जो भू-राजनीतिक घटनायें हुई हैं इस संर्दभ में केंद्रीय समिति के 12 दिसंबर, 2008 के बयान से उन लोगों की आंखें खुल जानी चाहिये जिन्हें अभी भी अमरीकी साम्राज्यवादियों और एशिया में उनको साथ देने वालों के मकसद के बारे में कोई भ्रम है।
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सर्वहारा सांस्कृतिक क्रान्ति की सैद्धांतिक पार्श्वभूमि की सर्जना करते हुए माओ त्से तुंग ने पहली बार इनका स्पष्ट विश्लेषण प्रस्तुत किया और मूलाधार के रूपांतरण को जारी रखने के लिए तथा पूंजीवादी पुनर्स्थापना के सभी भौतिक आधारों को नष्ट करने के लिए अधिरचना के निरंतर क्रान्तिकारीकरण या अधिरचना में सतत क्रान्ति की अवधारणा प्रस्तुत की ।
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अपने अथक परिश्रम, जी-जोड़ प्रयास, व्यावसायिक माहौल को समझने की दूरदृष्टि, सुदृढ़ आर्थिक स्थिति और एकाउंटिंग पार्श्वभूमि तथा प्रभावशाली नेतृत्व क्षमता और आशावादी जज्बे के बल पर श्री जैन ने व्यवसाय जगत में अपना एक उच्च प्रतिष्ठित मुकाम बना लिया है और आज उनकी गिनती भवन निर्माण तथा चार्टर्ड एकाउंटेंट क्षेत्र के शीर्ष पेशेवरों में होती है।