| 41. | सावरकर के अनुसार, “ जो भी इस भारत भूमि को अपनी पितृभूमि एवं अपनी पुण्यभूमि मानता है, वह हिंदू है ” ।
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| 42. | लॉयल्टी एक फायदे का सौदा थी जब राजा थे, तो हमने उनकी भक्ति की और हमें मातृभूमि की पूजाकरना सिखाया गया यूरोप में पितृभूमि की
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| 43. | तुम राष्ट्र को पितृभूमि और पुण्यभूमि मानकर अपना कर्तव्यपालन करो, तुम्हें वे सभी अधिकार प्राप्त होंगे जो हिंदू अपने देश में अपने लिए चाहते हैं।
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| 44. | तुम राष्ट्र को पितृभूमि और पुण्यभूमि मानकर अपना कर्तव्यपालन करो, तुम्हें वे सभी अधिकार प्राप्त होंगे जो हिंदू अपने देश में अपने लिए चाहते हैं।
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| 45. | सावरकर की परिभाषा के अनुसार केवल वह ही हिन्दू है जो सिन्धु नदी से समुद्र तक फैले भारतीय प्रायद्वीप को अपनी पितृभूमि और पुण्यभूमि मानता है।
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| 46. | सावरकर की परिभाषा के अनुसार केवल वह ही हिन्दू है जो सिन्धु नदी से समुद्र तक फैले भारतीय प्रायद्वीप को अपनी पितृभूमि और पुण्यभूमि मानता है।
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| 47. | भारत को अपनी मातृभूमि, पितृभूमि और पुण्यभूमि मानने वाले हिन्दू आज अपने ही घर में असुरक्षित हैं, उपेक्षित हैं, अपमानित और आतंकित हैं।
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| 48. | तुम राष्ट्र को पितृभूमि और पुण्यभूमि मानकर अपना कर्तव्यपालन करो, तुम्हें वे सभी अधिकार प्राप्त होंगे जो हिंदू अपने देश में अपने लिए चाहते हैं।
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| 49. | उस समय में जो वैश्विक और विशेषकर भारतीय परिस्थितियां थी उसमे ‘ पुण्यभूमि ' के लिए निष्ठा के आगे ‘ पितृभूमि ' के लिए निष्ठा नगण्य थी।
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| 50. | भारतीय बौद्ध, जैन और सिख, जिनकी पितृभूमि और पुण्यभूमि दोनों ही भारत है, संघियों के अनुसार हिंदू धर्म में जबरन समेट लिये जाते है.
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