इस के पीछे हम लोगों के मैडीकल कालेज के दिनों की यादें हैं जब वहां पर लगभग सभी मरीज़ों को काउच पर लिटा कर बड़े इत्मीनान से चैकअप किया जाता था, जिस में उस के पेट की पैल्पेशन भी सम्मिलित हुया करती थी जिस से फ़िजिशियन को पेट के अंदरूनी हिस्सों जैसे लिवर, स्पलीन, किडनी, गॉल-ब्लैडर (जिगर, तिल्ली, गुर्दे, पित्ता आदि) के बारे में काफ़ी जानकारी मिलती है।
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जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: रोटरी क्लब, इनरव्हील क्लब तथा प्रसाद हास्पिटल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित चिकित्सा शिविर में दस मरीजों का निःशुल्क ऑपरेशन किया गया। स्व. मीना प्रसाद की स्मृति पर प्रसाद हास्पिटल में आयोजित चिकित्सा शिविर में डॉ. हरिओम प्रसाद ने बताया कि अक्सर पानी में कैल्शियम की मात्रा अधिक होने से पथरी की संभावनाएं बढ़ती हैं। लंबे समय तक यदि गुर्दे या पेशाब की नली में पथरी रहे तो इससे गुर्दे की कार्यक्षमता घटने लगती है। शिविर में पांच मरीजों की पित्ता की थैली,