अगर रोगी का फेफड़ा काफी सख्त पड़ जाता है, छाती में बलगम की घड़घड़ाहट सी होती रहती है, रोगी को खांसी के साथ बहुत ज्यादा मात्रा में पीला सा बलगम निकलता है।
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जब चांद की रातें होती हैं तो पीला सा चाँद उगता है, हर दिन नया रूप लिए, धीरे-धीरे साँझ रात में गहराती है, आकाश की धवलिमा धूसर होने लगती है,.
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चेहरे से सम्बंधित लक्षण-चेहरे का रंग बिल्कुल मुरझाया हुआ और पीला सा पड़ना, ठण्डा सा पसीना आना, चेहरे का भयानक होना आदि लक्षणों में रोगी को कैम्फोरा औषधि देने से लाभ होता है।
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चेहरे से सम्बंधित लक्षण-चेहरे का रंग पीला सा लगना, मुरझाया सा लगना, गाल की हड्डी में दर्द होना, चेहरे का लाल और गर्म होना आदि लक्षणों में कार्ल्सबाड औषधि का प्रयोग लाभकारी रहता है।
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सुनो कनेर के उस फूल को देख रहे हो ॥ पीला सा फूल टप से जमीन पर गिरा लेकिन कोई रुदन नही हवा / वैसे ही बह रही है फिर मान्विये संबंधो में ही कोई बात क्यूँ हो जाती है??
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अपनी जादूई आवाज और आकर्षक लैटिन अमेरिकी खूबसूरती से करोड़ों दिलों पर राज करने वाली जेलो का बिना मेकअप का पीला सा चेहरा, बांधे हुए बालों की वजह से दिखाई दे रहा अजीब सा चौड़ा माथा छोटी-छोटी आंखें काफी भ्रम तोड़ देती हैं।
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भावनाएं इस तरहा तरसती हैं मुझे तेरा नाम लेकर, जैसे रौशनी से गुजर कर अँधेरे में गुम होती परछाई हूँ कोई, जैसे वक़्त से गुजरा, पीला सा पत्ता हूँ कोई, मुझसे झोंके बन टकराते हो, तब तड़प कहती है-काश! मुझे तुम्हारी आदत ही हो जाती!
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उदर (पेट) से सम्बंधित लक्षण-जिगर में दर्द होना, कब्ज, मलक्रिया के दौरान परेशानी होना, गांठदार मल आना, मल का रंग चमकीला, पीला सा होना, पित्ताशय में सूजन और दर्द होना, पीलिया रोग आदि के लक्षणों में रोगी को कार्डूअस मेरियेनस औषधि का सेवन कराने से लाभ होता है।
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सांस से सम्बंधित लक्षण-रोगी की छाती में बलगम के जमा होने के कारण अजीब-अजीब सी आवाजें होना, बच्चों को इंफ्लुएंजा रोग होने के बाद होने वाली खांसी, दमा रोग में खांसी के साथ पीला सा बलगम निकलना, शाम के समय और गर्म मौसम में गले में बहुत ज्यादा खराश होना आदि लक्षणों के आधार पर काली सल्फ्यूरिकम औषधि का प्रयोग करना असरकारक रहता है।
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था खूबसूरत, खुशनुमा, खुशहाल जो चमन, भंवरों ने रस चुरा चुरा, बदनाम कर दिया कुछ उल्लुओं ने डालों पे डेरे बसा लिए, कुछ चील कव्वों ने भी परेशान कर दिया था खूबसूरत, मखमली जो लॉन हरा सा, पीला सा पड गया है खर पतवार उग गये, माली यहाँ के बेखबर, खटिया पे सो रहे, गुलजार गुलिस्ताँ को बियाबान कर दिया