| 41. | मैं अंजुमन कमेटी पुर का नायब सदर हूं।
|
| 42. | इसी पुर के भीतर चेतना का निवास है।
|
| 43. | परसि गंगा भई पावन तिहूं पुर धन घरन॥
|
| 44. | पुरजन सों पूजित लखौ पुर प्रविसत तुवनन्द ।
|
| 45. | आ हो बसन्त पुर जोभन लि बेर आ
|
| 46. | मानव शरीरी रूप पुर, ईश्वर का ग्यारह द्वारों का,
|
| 47. | अंत: पुर में छिड़े द्वंद की खिड़कियाँ
|
| 48. | अरबी का गौस और संस्कृत का पुर ।
|
| 49. | अंत: पुर कों लै गये जहँ दूसर नहिं जाय।
|
| 50. | संस्कृत का पुर गाँव भी है, नगर भी।
|