डांट-फटकार के अनुशाषण से, करते हमें तैयार हो तुम बस दो कदमों की आहट की एक सख्त सी पुकार हो तुम ……………. अपनी समस्त संवेदनाओं को छुपाने वाले नाटककार हो तुम स्नेह से सराबोर पर मूक निशब्द प्रेम की झंकार हो तुम …………….. मेरी सुप्त प्रतिभा को झंकृत करने वाले संगीतकार हो तुम और सही पल्लवन पुष्पण के लिए मज़बूत आधार हो तुम