साहित्य दर्पण के प्रथम परिच्छेद की पुष्पिका में उन्होंने जो विवरण दिया है उसके आधार पर उनके पिता का नाम चंद्रशेखर और पितामह का नाम नारायणदास था।
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पुष्पिका में उल्लेख है कि लव और कुश ने गोमती नदी के किनारे राम के अश्वमेध यज्ञ में सात दिनों में वाल्मीकि रचित काव्य का गायन किया ।
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पुष्पिका में उल्लेख है कि लव और कुश ने गोमती नदी के किनारे राम के अश्वमेध यज्ञ में सात दिनों में वाल्मीकि रचित काव्य का गायन किया ।
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पुष्पिका में उल्लेख है कि लव और कुश ने गोमती नदी के किनारे राम के अश्वमेध यज्ञ में सात दिनों में वाल्मीकि रचित काव्य का गायन किया ।
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कुन्दकुन्द के षट्प्राभृतों के टीकाकार श्रुतसागर ने प्रत्येक प्राभृत के अन्त में जो पुष्पिका अंकित की है उसमें इनके पद्मनन्दि, कुन्दकुन्द, वक्रग्रीव, एलाचार्य और गृद्धपिच्छ ये नाम दिए हैं।
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गजानन की वाणी सुनकर भगवान् शंकर ने नंदी को बुलाकर कहा-तुम इस पार्वती पुत्र को तुरंत पुष्पिका की मूर्छा दूर होने के पूर्व ही उसके समीप रखकर लौट आओ।
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कुन्दकुन्द के षट् प्राभृतों के टीकाकार श्रुतसागर ने प्रत्येक प्राभृत के अन्त में जो पुष्पिका अंकित की है उसमें इनके पद्मनन्दि, कुन्दकुन्द, वक्रग्रीव, एलाचार्य और गृद्धपिच्छ ये नाम दिए हैं।
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कुछ क्षण के पश्चात् शिशु रूपधारी परम प्रभु गजानन ने शिव से कहा-धर्मात्मा राजा वरेण्य और उसकी पत्नी पुष्पिका ने मुझे संतुष्ट करने के लिए बारह वर्षों तक कठोर तप किया था।
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इस ग्रन्थ की पुष्पिका से इतना जरूर पता चलता है कि सुखदास नामक एक कायस्थ ने रामपालदेव के शासनकाल में शक संवत 1615 या 1715 में यह पूरी सामग्री कहीं से हासिल की थी।
50.
इस ग्रन्थ की पुष्पिका से इतना जरूर पता चलता है कि सुखदास नामक एक कायस्थ ने रामपालदेव के शासनकाल में शक संवत 1615 या 1715 में यह पूरी सामग्री कहीं से हासिल की थी।