धन वृद्धि हेतु किसी भी गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन प्रात: काल नित्यकर्म से निवृत होकर स्नानोपरांत शंख पुष्पी की जड़ अपने घर में लेकर आएं इस जड़ को गंगाजल से पवित्र कर दें।
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पुष्पी पादपों मे निषेचन की प्रक्रिया दोनों प्लास्मोगैमी जहाँ शुक्राणु और अंडे के प्रोटोप्लाज़्म का संलयन होता है, या कैरिओगैमी जहाँ शुक्राणु और अंडे के नाभिक का मिलन होता है, के द्वारा हो सकती है।
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सोलह मुलिनियों का प्रयोग-शण पुष्पी, विम्बी, हैमवती (वचा), इनका प्रयोग मूल वमन में किया जाता है, श्वेता (सफ़ेद कोयल) और ज्योतिष्मती (मॉलकांगनी) इनका मूल शिरोविरेचन के लिए प्रयोग करना चाहि ए.
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दिन में 11 से 1 बजे तक चलने वाले इस कार्यक्रम में जोधपुर जिले के गांव हतुंडी से मदन सुथार, अशोक सुथार, गोमती देवी, पुष्पी देवी सुथार, गणपत, भूरी देवी, टांकला गांव के मुन्ना राम प्रजापत, कमला देव, नोखा चांदावतां से भागू राम मुंडेल आदि कई भक्त उपस्थित रहेंगे।
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अपनी प्राण प्रियाओं से दुतकारे गये अथवा उनकी धमकी चमकी की ब्लेकमेलिंग पूर्ण अदाओं से चोट खाये प्रेमियों या फिर वे हतभागी जिनके बूढ़े बाप ने हाल ही में दम तोड़ा हो ; ऐसे अपवादों को छोड़ दें तो मदन पुष्पी पंच बाणों के प्रेमिल प्रहारों से भला कौन बच सका है?
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केके पांडे तथा शोध छात्र सच्चिदानन्द ने कैंसर पीड़ित मरीजों पर शोध कार्य शुरू किया था | शोध कर्ताओं ने सात आयुर्वेदिक ओषधियों अश्वगंधा, ब्राह्मी, शंख पुष्पी, रासना, अरंड, निर्गुन्डी, और भ्रंग राज का परीक्षण १ ०० मरीजों पर किया | परीक्षण में मरीजों को दर्द से निजात मिली |
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१ भाग, काले तिल ४ भाग, चन्दन ४ भाग, चिरायता २ भाग, छुहारे ४ भाग, तुलसी के बीज ४ भाग, गुग्गुल ३ भाग, चिरौंजी २ भाग, काकड़ासिङ्गी २ भाग, शतावर २ भाग, दारु हल्दी २ भाग, शंख पुष्पी १ भाग,पाद्मख २ भाग, कोंच के बीच १ भाग, जटामांसी १ भाग, भोजपत्र १ भाग, तुम्बर ५ भाग, राल ५ भाग, सुपारी २ भाग, घी ११.५ भाग, खाण्ड या बूर १५ भाग ।