इस मंदिर का निर्माण महाराजा विक्रमादित्य द्वितीय की पत्नी लोकमहादेवी ने 745 ई. म ें अपने पति की गौरव पूर्ण विजय के स्मारक के तौर पर बनवाया था यह कांची के पल्लव वंश के राजाओं पर विजय प्राप्त करने की गाथा का प्रमाण है.
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प्रिय पीयूष जी, विचारों पर आपकी राय जानकर बेहद खुश हुई| युवा वर्ग का वैचारिक समर्थन, वह भी एक ऐसे मुद्दे पर जिसमे अपनी संस्कृति का तिरस्कार ही सबसे ज्यादा आधुनिक होने का प्रमाण माना जा रहा है, निश्चय ही अपसंस्कृति पर भारतीयता की पूर्ण विजय है|
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दुर्योधन आँखें खोलके जैसे ही युधिष्टर को देखता है, बोल पढता है-दुर्योधन-जीवन भर मुझसे द्वेष रखा, मृत्यु पर तो मुझे चैन प्रदान होने देते, क्या देखने आये हो मेरी विवशता, या अब भी तुम्हारी छल पूर्ण विजय में कोई त्रुटी रह गयी??
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दूसरे शब्दों में, उसने प्रकृति पर पूर्ण विजय प्राप्त कर ली थी और यह वैज्ञानिक आविष्कारों से इच्छानुसार कार्य ले सकता था, पर उसकी बुद्धि पर कुतर्क का ऐसा पर्दा पड़ा कि वह धर्म का कट्टर विरोधी बन गया और सब कुछ देख-सुनकर भी वह भगवान पर विश्वास न कर सका ।।
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एक मिनिट के लिए सोचिये हम उस सदगुरुदेव जी के आत्मंश हैं जिन्होंने कभी भी किसी भी भौतिक या अध्यात्मिक परिस्थिति के सामने हार नहीं मानी ओर पूर्ण विजय प्राप्त की ओर हम कितनी आसानी से इन परिस्थिति के सामने हारमानकर कह देते हैं की“जैसी गुरूजी की इच्छा ” क्या हमारा ये आचरण उन्हें स्वीकार होगा?
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वह जीवन का कौन-सा दर्शन (विचारधारा) है, जिसके लिए हम लड़ रहे हैं? वहराष्ट्र-समुदाय की कौन-सी संरचना (ढांचा) है, जिसे पूर्ण विजय प्राप्तकरने के बाद ब्रिटेन, रूस और अमेरिका खड़ा करने का प्रयत्न करेंगे? सरकारों के उद्देश्यों को वे किस प्रकार विशालतर बनाएंगे? तोपों औरटैंकों से, विमानों और युद्धपोतों से हम शत्रु को भले ही परास्त कर दें, किन्तु जीतकर स्थायी शान्ति स्थापित नहीं कर सकते.
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पर पूर्ण विजय प्राप्त कर लेता है और आश्वस्त हो जाता है, साधारण शब्दों में वह मृत्युंजय हो जाता है, अमर हो जाता है, मृत्यु कभी उसका स्पर्श नहीं कर सकती...मुझे एक बेवकूफ की भांति घूरने की जरूरत नहीं (शायद उसने मेरी आँखों में उभरती संशय की लकीरों को देख लिया था)| गोरखनाथ, वशिष्ठ, हनुमान आदि ने इस उपलब्धि को प्राचीन काल में प्राप्त किया है, यह कोई नवीन स्थिति नहीं|'
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इराक़ ने इन्हीं सूचनाओं से लाभ उठाते हुए ईरानी सेना के बढ़ते क़दम रोकने के लिए दूसरी बार ईरान के विरुद्ध रासायनिक आक्रमण किया था जिस पर उस समय भी अमरीका सहित पूरा विश्व चुप था किंतु आज, वही देश, एसे समय पर जब सीरिया की सेना आतंकवादियों के विरुद्ध पूर्ण विजय के निकट थी, सीरिया पर रासायनिक शस्त्रों के आक्रमण का आरोप लगा कर, रासायनिक शस्त्रों के प्रयोग को असहनीय अपराध की संज्ञा दे रही हैं और अपने हिसाब से इसके ज़िम्मेदारों को दंडित करने की बात कर रही हैं।